धनबाद: हीरापुर तेलीपाड़ा निवासी बीसीसीएल कर्मी हरि महतो का पुत्र दिलीप महतो का अपहरण उसके दोस्त निरंजन कुमार सिंह (भिस्तीपाड़ा) ने ही किया था. निरंजन के पिता बृजबिहारी सिंह एक्साइज में सिपाही हैं. निरंजन व उसका जीजा अशोक सिंह (रोहतास) ने साजिश के तहत 27 अक्तूबर को दिलीप को घर से बुला कर घुमाने की बात कह ले गया था.
शुक्रवार को धनबाद थाना में निरंजन ने दिलीप को लेकर सरेंडर कर दिया और पुलिस के समक्ष अपना अपराध कबूल लिया. निरंजन का जीजा फरार है. धनबाद थाना में शुक्रवार की रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसपी अनूप टी मैथ्यू ने यह जानकारी दी. मौके पर डीएसपी अमित कुमार, धनबाद थानेदार अखिलेश्वर चौबे व एडिशनल ओसी अभय शंकर भी मौजूद थे.
कैसे रची साजिश
निरंजन इंटर का छात्र है और दिलीप का दोस्त है. निरंजन ने दिलीप के नाम से चार मोबाइल सीम ले रखा है. एक सीम दिलीप उपयोग करता है तीन निरंजन के पास है. निरंजन अपने पिता को दबाव देकर जमीन बेचवा कर इंडिका कार खरीदवायी, जो वह किराये पर चलाता है. कार को वह अपने बहनोई अशोक सिंह के पास रोहतास भेज दिया था. दिलीप की मंदबुद्धि का फायदा उठा कर वह अपने बहनोई से मिल कर उसके परिजनों से पैसा ऐंठने की योजना बनायी. बहनोई 27 अक्तूबर की इंडिका लेकर धनबाद पहुंचा और निरंजन दिलीप को बाहर घूमने चलने का झांसा देकर बहनोई के साथ रोहतास ले गया. दिलीप के नाम से ही निर्गत मोबाइल फोन से उसके घर पर कर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी. दिलीप के घर वालों को जब फिरौती का फोन आया तो उसके बहनोई कृष्णा महतो को बताया.
बहनोई लगातार कथित अपहर्ता से बात करने लगा. इस दौरान अपहर्ता ने कृष्णा महतो से 25 लाख रुपया मांगा, लेकिन जब इतना रुपया नहीं होने की बात हुई तो वे 22 लाख, फिर धीरे-धीरे कर 60 हजार तक लेने को राजी हो गये. रकम दिलीप के ही बैंक खाते में डालने को कहा गया. लेकिन, इधर पुलिस भी उन लोगों पर नजर रखी हुई थी. छानबीन में फोन की आवाज से खुलासा हो गया कि निरंजन ही फोन कर रहा है. पुलिस दबिश के बाद वह सरेंडर कर गया.