धनबाद: लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर भक्तों के बीच ऊहा-पोह की स्थिति बनी हुई है. पंडितों से प्राप्त जानकारी के अनुसार नहाय खाय छह नवंबर, खरना सात को, आठ को पहला अघ्र्य एवं नौ नवंबर को उदीयमान भास्कर को अघ्र्य के बाद व्रती पारण कर पायेंगे.
पंडित गुणानंद झा बताते हैं एक नवंबर को धनतेरस है. दो को संध्या सात बज कर नौ मिनट से अमावस्या प्रारंभ है, जो तीन नवंबर 6 बज कर 8 मिनट संध्या तक रहेगी. चूंकि भगवती की पूजा अमावस्या की रात्रि में की जाती है, इसलिए काली पूजा दीपावली के पहले यानी दो अक्तूबर को होगी. तीन नवंबर को दीपावली है. अमावस्या के बाद शुक्ल पक्ष प्रतिपदा प्रारंभ हो जायेगी. चार नवंबर को 4.33 मिनट से द्वितीया प्रारंभ होगी.
पांच तारीख को भाई बहन के स्नेह का प्रतीक त्योहार भाई दूज मनाया जायेगा. पांच को 2.57 मिनट से तृतीय लग जायेगा. छह को 12.55 मिनट से चौठ प्रारंभ हो रहा है. इस दिन से छठ पर्व का नहाय खाय प्रारंभ होगा. सात को 10.42 मिनट सुबह से पंचमी प्रारंभ होगी. इस दिन व्रतियों द्वारा खरना किया जायेगा. 8 को सुबह 8.21 से षष्ठी प्रारंभ होगी. इस दिन अस्तांचलगामी भास्कर को भक्त अघ्र्य अर्पण करेंगे. नौ नवंबर को उदीयमान भास्कर को अघ्र्य के साथ छठ पर्व संपन्न होगा.
काशी पंचाग के अनुसार : अमावस्या दो नवंबर शनिवार संध्या 7.40 मिनट से प्रारंभ है, जो तीन नवंबर रविवार संध्या 6.48 मिनट तक रहेगा. (मनोज पंडित, खड़ेश्वरी मंदिर)
मिथिला पंचाग के अनुसार : दो नवंबर शनिवार को अमावस्या संध्या सात बज कर नौ मिनट से तीन अक्तूबर संध्या 6.8 मिनट तक (गुणानंद झा)
बांग्ला पंचाग के अनुसार : अमावस्या दो नवंबर शनिवार को 7.35 मिनट से तीन नवंबर रविवार 6.32 मिनट तक रहेगा. ( पंडित गोपाल गांगुली, हरि मंदिर).