बच्चों ने दिखाया विज्ञान का चमत्कार–खाली रह गये दर्जनों स्टॉल, मॉडल निर्माण में हुई कंजूसी, से नो टू पॉलिथीन की ली शपथ, दाल का पैदावार बढ़ाने पर हो प्रयोग : डीसीफोटो ज्योतिसंवाददाता. धनबादसरकारी स्कूलों की प्रयोगशाला स्टैंडर्ड नहीं हैं. स्कूलों के लैब बंद हैं तो खोले जाएं, उसे समृद्ध किया जाये. सहयोग की जरूरत होगी तो जरूर करेंगे. प्रयोगशालाओं को बेहतर बनाने का प्रयास करें. विज्ञान ही है कि मुझे अभी हजारों लोग सुन पा रहे हैं. समाज का विकास एवं खाद्यान, संचार, यातायात संबंधी समस्याओं का समाधान विज्ञान से ही संभव है. ये बातें उपायुक्त केएन झा ने कही. वे गुरुवार को गोल्फ ग्राउंड में आयोजित दो दिवसीय विज्ञान प्रदर्शनी सह प्रोजेक्ट प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. कहा कि दलहन के लिए पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. उपज अच्छी नहीं होने के कारण कीमतें बढ़ गयी. इसलिए दहलन की पैदावार बढ़ानी होगी. नये-नये क्षेत्रों में उपजाना होगा, जो भी विज्ञान से ही संभव है. ऊर्जा ससटेंनेबल (सतत) हो. मरुस्थल पर भी हीट से ऊर्जा तैयार की जाये. अभी भी कई बीमारियां लाइलाज हैं, इसलिए मेडिकल के क्षेत्र में भी विकास जरूरी है. भविष्य में पेयजल समस्या नहीं हो, जिसमें भी विज्ञान की मदद लेनी होगी. साइंटिफिक टेंपर तैयार करना होगा, जिसका मतलब है कि लोग ऐसी चीजों पर विश्वास न करें जिसे विज्ञान एक्सप्लेन नहीं करता. लोग डायन जैसे अंधविश्वास में न पड़ें और दूर-दराज इलाकों तक भी तकनीक पहुंचे. डीइओ धर्म देव राय ने भी समारोह को संबोधित किया. कहा कि 40 निर्णायकों की टीम मॉडल के गुणवत्ता की जांच करेगी. जिला स्कूल, रांची में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता होगी. प्रदर्शनी में स्कूली बच्चों ने विज्ञान का चमत्कार दिखाया.से नो टू पॉलिथीन की ली शपथ : उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि डीसी श्री झा, डीडीसी एके सिंह, डीएसइ बांके बिहारी सिंह आदि को रक्षा सूत्र बांध कर से नो टू पॉलिथीन का संकल्प भी दिलाया गया. समारोह में शिक्षक अर्जुन पांडेय ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया एवं शिक्षिकाओं ने वरदे वरदानी शारदे…सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया. मंच संचालन दुर्गेश नंदिनी, घनश्याम दुबे आदि ने किया.स्मार्ट सिटी में होगी पूरी व्यवस्था जिला स्कूल के छात्र सुजीत मुर्मू ने स्मार्ट सिटी का मॉडल बनाया. गाइड थीं कुमारी रजनी. इसमें स्मार्ट सिटी में बायोगैस प्लांट, सोलर प्लांट, हाइड्रोपावर प्लांट, शैवाल से ईंधन बनाना, सुगम यातायात आदि समेत सुव्यवस्थित शहर का प्लान बताया गया है. कम होगा मोबाइल टावर का रेडिएशन अभया सुंदरी बालिका विद्यालय की छात्रा निशी कुमारी ने शहर में मोबाइल टावर के रेडिशन को कम करने का उपाय सुझाया. गाइड शिक्षिका तापसी पारिख थीं. छात्रा ने बताया कि टावर की ऊंचाई बढ़ा, एंटेना का डायरेक्शन बदल कर, एंप्लीफायर गेन कम करने वाले छोटे-छोटे टावर लगा रेडिएशन कम कर सकते हैं. घर में शीशा वाली खिड़की लगाने से भी रेडिएशन कम होता है.शहर के दूषित जल का सही उपयोग : उत्क्रमित मध्य विद्यालय बागदाहा की छात्रा बुलटी महतो ने शहरी इलाके के दूषित जल के सही उपयोग को सुझाया. छात्रा के गाइड शिक्षक सुधाकर महतो थे. मॉडल में बांध बना शहर के दूषित जल का खेती व बिजली बनाने का उपाय बताया.रोड निर्माण में नहीं कटेंगे पेड़मध्य विद्यालय राधानगर के छात्र रोहित दास ने नये सड़कों के निर्माण में पेड़ों के कटने से बचाने का उपाय सुझाया. गाइड शिक्षक इंद्र कुमार थे. मॉडल में ऐसे मशीन के इस्तेमाल को बताया जो पेड़ को जड़ समेत उखाड़ कर दूसरी जगह शिफ्ट कर देगा.रेफ्रीजेरेटर विद हॉट केस एक ही मशीन में ठंडा के साथ भोजन को गरम रखने का उपाय सुझाया. केसी बालिका उवि झरिया की काजल कुमारी ने यह मॉडल बनाया था. गाइड शिक्षिका मणिकना बोस थीं.किचन वेस्ट से बायोगैस ऊर्जा : मवि कुरची, गोविंदपुर की वरुण कुमार महतो ने गाइड राम नारायण महतो की मदद से किचन वेस्ट से बायोगैस प्लांट बनाया. छात्र ने बताया कि डेढ़-दो हजार में यह तैयार हो सकता है. प्रदूषण रहित ऊर्जा होने के साथ-साथ यह कचरे का भी प्रबंधन करता है.यह मॉडल भी आकर्षण का केंद्र : मवि धैया के छात्र नितीश कुमार ने गाइड मुक्ता कुमारी की मदद से प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट एवं उसके दुष्प्रभाव से बचने का उपाय सुझाया. बांगला बोर्ड बालिका मवि की छात्रा काजल कुमारी ने गाइड अंजना कुमारी की मदद से टंकी में पानी भरने पर अलार्म बजने वाला अलार्म बनाया था. मवि सिंहडीह तोपचांची के छात्र शंकर महतो व गाइड जुनैद अंसारी की मदद से पवन ऊर्जा से धान से चावल निकालने का उपाय बताया. भौंरा उवि के आकाश कुमार पासवान ने गाइड मथुरा प्रसाद महतो की मदद से बाढ़ के खतरे को बताता अलार्म बनाया. इसी स्कूल के रितेश कुमार ने बेकार पड़े कोयला खदान में कचरे को ठिकाने लगाने का उपाय बताया. बालिका मवि झरिया की सरोजिनी गुप्ता ने गाइड ब्यूटी कुमारी केसरी की मदद से कोल्डड्रिंक्स के खाली बोतलों से प्लांटेशन, लैंप, ज्वेलरी स्टैंड बनाया.खाली रह गये दर्जनों स्टॉल प्रदर्शनी में 738 स्कूलों के 1035 बाल वैज्ञानिकों (छात्र-छात्रा) को शामिल होना था. इतनी ही संख्या में स्टॉल भी बनाये गये थे, लेकिन उसमें दर्जनों खाली रह गये. प्रदर्शनी में शामिल मॉडल/प्रोजेक्ट से कुल 78 का चयन रांची स्थित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी के लिए किया जायेगा. शुक्रवार को परिणाम की घोषणा की जायेगी.मॉडल निर्माण में हुई कंजूसी : दर्जनों स्टॉलों में ऐसे मॉडल व प्रोजेक्ट दिखे, जिसमें साफ तौर पर राशि खर्च करने में कंजूसी करने का पता चलता है. प्रदर्शनी में शामिल हर प्रतिभागी छात्र-छात्रा को वारंट के रूप में पांच हजार रुपये मिले हैं. इसमें आधी रकम प्रोजेक्ट निर्माण में ही खर्च करना है. आधी रकम प्रोजेक्ट को प्रदर्शनी स्थल तक पहुंचाने का खर्च है. कुछेक बच्चों ने अपने ही शिक्षक पर कंजूसी करने की बात भी कही. कुछ प्रोजेक्ट बाजार से खरीदे एवं पुराने प्रोजेक्ट के उपयोग की भी सूचना है.
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बच्चों ने दिखाया विज्ञान का चमत्कार–खाली रह गये दर्जनों स्टॉल, मॉडल निर्माण में हुई कंजूसी, से नो टू पॉलिथीन की ली शपथ, दाल का पैदावार बढ़ाने पर हो प्रयोग : डीसीफोटो ज्योतिसंवाददाता. धनबादसरकारी स्कूलों की प्रयोगशाला स्टैंडर्ड नहीं हैं. स्कूलों के लैब बंद हैं तो खोले जाएं, उसे समृद्ध किया जाये. सहयोग की जरूरत होगी […]
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