धनबाद: मनइटांड़ निवासी दीपक वर्मा की हत्या में बुधवार को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुजनाथ की अदालत ने जेल में बंद मृतक की पत्नी मुनीता देवी और उसके प्रेमी शहजाद कुरैशी को भादवि की धारा 302 व 120 बी में दोषी पाकर उम्रकैद की सजा सुनायी. अदालत ने शहजाद को बीस हजार व मुनीता को दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा भी सुनायी.
अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने में सजायाफ्ताओं को छह माह अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा काटनी होगी. फैसला सुनाये जाने के वक्त अदालत में मृतक की मां रीता देवी व मृतक का दस साल का पुत्र ऋशु भी उपस्थित था. फैसला सुनाये जाने के बाद रीता देवी ने कहा कि अदालत के फैसले पर मुझे भरोसा था. अदालत ने सही समय पर उचित फैसला सुनाया है. मैं अदालत के फैसले से संतुष्ट हूं.
क्या है मामला : 28 मई 14 को दीपक वर्मा अपने ससुराल गिरिडीह जिले के शीतलपुर गांव से बेटे ऋशु के साथ बाइक से धनबाद आ रहा था. उसकी पत्नी मुनीता बस से आ रही थी. जब वह बाइक से कमालपुर जंगल के समीप जीटी रोड पर पहुंचा, तभी पहले से घात लगाये अपराधियों ने लोहे के रॉड से हमला कर उसकी हत्या कर दी. उसका पुत्र ऋशु बिलखता रहा. घटना के बाद मृतक की पत्नी मुनीता के फर्द बयान के आधार पर टुंडी के पूर्व थानेदार दिनेश कुमार ने टुंडी थाना कांड संख्या 36/14 दर्ज किया.
केस के आइओ ने अनुसंधान के दौरान पाया कि दीपक की हत्या उसकी पत्नी मुनीता ने कथित प्रेमी शहजाद के साथ मिलकर करायी है. पुलिस ने 30 सितंबर 14 को शहजाद कुरैशी व मुनीता देवी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया. अभियोजन की ओर से ग्यारह साक्षियों का परीक्षण कराया गया. अदालत ने एक अगस्त 15 को अभियोजन साक्ष्य बंद कर दिया. अदालत में ऋशु का बयान दर्ज किया गया. उसने अदालत को बताया कि मां पहले पापा से बात करती थी, बाद में शहजाद से बात करती थी.