नयी शासी निकाय भी बीएसएस महिला कॉलेज के विवाद को सुलझाने में फ्लॉप रही. शासी निकाय के सचिव दामोदर सिंह चौधरी का विवि द्वारा अनुदान राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने की तिथि से पहले अनुदान बंट जाने का दावा भी खोखला साबित हुआ. महीनों पहले सरकार से मिली 30 लाख रुपये की अनुदान राशि को खर्च कर उपयोगिता प्रमाण-पत्र विवि को भेजने की तिथि 12 सितंबर तक ही थी, लेकिन इस तिथि तक राशि ही खर्च नहीं सकी. मिली राशि का 20 प्रतिशत विकास कार्य में तथा बाकी कर्मियों के बीच अनुदान के रूप में बंटना है.
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बीएसएस कॉलेज: कॉलेज कर्मियों ने मचाया हंगामा
धनबाद. सरकार से िमली अनुदान की राशि नहीं मिलने पर बीएसएस महिला कॉलेज में कर्मियों ने बुधवार की सुबह जोरदार हंगामा मचाया. उन्होंने कॉलेज प्रबंधन व सचिव पर आरोप लगाया कि उनकी वजह से उन्हें समय पर अनुदान की राशि नहीं मिली. उन्होंने इसके लिए प्राचार्य को काफी खरी खोटी सुनायी. कर्मी सचिव के खिलाफ […]
धनबाद. सरकार से िमली अनुदान की राशि नहीं मिलने पर बीएसएस महिला कॉलेज में कर्मियों ने बुधवार की सुबह जोरदार हंगामा मचाया. उन्होंने कॉलेज प्रबंधन व सचिव पर आरोप लगाया कि उनकी वजह से उन्हें समय पर अनुदान की राशि नहीं मिली. उन्होंने इसके लिए प्राचार्य को काफी खरी खोटी सुनायी. कर्मी सचिव के खिलाफ भी काफी रोष में थे. उन्होंने कहा कि जब नयी गर्वनिंग बॉडी (जीबी) का भी यही हाल है तो पुरानी क्या खराब थी. उन्होंने कहा कि एक तरफ वह पैसे-पैसे के लिए तरस रहे हैं, दूसरी तरफ उनके लिए आयी अनुदान की राशि कॉलेज प्रबंधन की निष्क्रियता के कारण पड़ी हुई है.
कॉलेज को नुकसान : उक्त राशि का उपयोगिता प्रमाण-पत्र न मिलने की स्थिति में कॉलेज को अगले सत्र में मिलने वाला अनुदान अब नहीं मिल पायेगा.
किसी की नियुक्ति सही नहीं : अध्यक्ष
अध्यक्ष सह सांसद पीएन सिंह ने कहा कि अनुदान का गलत ढंग से भुगतान नहीं हो सकता. कॉलेज का वातावरण काफी खराब है. न कर्मी में एकजुटता है, न शिक्षक में. सभी एक दूसरे के खिलाफ लड़ने को तैयार हैं. जब तक वातावरण ठीक नहीं होता, तब तक यहां कुछ नहीं हो सकता. इस कॉलेज में कुछ की नहीं, किसी की भी नियुक्त सही नहीं है.
राशि का वितरण आसान नहीं : सचिव
सचिव दामोदर सिंह चौधरी का कहना है कि अनुदान का वितरण काफी पेचीदा है. अगले सत्र का अनुदान रूक जायेगा तो इसके लिए भला मैं क्या कर सकता हूं. गलत ढंग से अनुदान वितरण की इजाजत नहीं दी जा सकती.
कहती हैं टीआर
टीआर उषा शर्मा ने बताया कि नव नियुक्त 14 कर्मियों की नियुक्ति में विवाद है, उनको अनुदान की राशि मिले या नहीं. इसके लिए पांच सदस्यीय कमेटी ने रिपोर्ट समर्पित कर दी है. कमेटी ने उन्हें राशि नहीं देने की रिपोर्ट दी है. बावजूद इसके सचिव ने उन कर्मियों को भी भुगतान की इजाजत दे दी, जिसको लेकर मामला उलझ गया है.
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