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सुर सरिता बहाने धनबाद पहुंचे मामे खां

प्रभात खबर गुरु सम्मान समारोह और फोक नाइट आज तारीख : 12 सितंबर, 2015 समय : शाम 4.30 बजे स्थान : न्यू टाउन हॉल प्रवेश : पास द्वारा धनबाद : प्रभात खबर की ओर से 12 सितंबर को गुरु सम्मान समारोह का आयोजन किया जायेगा़ स्थानीय न्यू टाउन हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में संध्या […]

प्रभात खबर गुरु सम्मान समारोह और फोक नाइट आज
तारीख : 12 सितंबर, 2015
समय : शाम 4.30 बजे
स्थान : न्यू टाउन हॉल
प्रवेश : पास द्वारा
धनबाद : प्रभात खबर की ओर से 12 सितंबर को गुरु सम्मान समारोह का आयोजन किया जायेगा़ स्थानीय न्यू टाउन हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में संध्या 4.30 बजे से राजस्थानी लोक संगीत के मशहूर कलाकार मामे खां अपनी प्रस्तुति देंगे़
इसमें कोयलांचल व आसपास के विभिन्न स्कूलों के शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया जायेगा. समारोह के मुख्य अतिथि राज्य के श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री राज पालिवार होंगे. विशिष्ट अतिथि के रूप में धनबाद के सांसद पीएन सिंह, मेयर शेखर अग्रवाल, झरिया विधायक संजीव सिंह, उपायुक्त केएन झा, एसपी राकेश बंसल, रेल एसपी असीम विक्रांत मिंज, सीबीआइ एसपी पीके मांजी व बीसीसीएल के डीपी वीके पांडा होंगे.
कार्यक्रम के मुख्य प्रायोजक आलोकिक ग्रुप, रेडियो पार्टनर रेडियो धूम, पावरड बाय सेनको गोल्ड है. सह प्रायोजक अंबे हाइ टेक है. गोल्डन पार्टनर 99 बिल्डर्स है.
हॉस्पिटेलिटि पार्टनर सोनोटेल होटल, आउटडोर पार्टनर स्कोप आइएएस है. सह प्रायोजक नालंदा बिल्डर्स, अशोका बिल्डर्स, सूर्या रियलकॉन, द्वारिका सिटी, प्रधान इंडिया बिल्डर्स, यूनाइटेड डेवलपर्स, एपकॉन होम, टाइटन डेवलपर्स, टीवीएस शाकंबरी, श्री कान्हा, वर्षा फैशन, डेमरो, चेतन ऑरनामेंट, मीनाक्षी साड़ी, उन्नति एकेडमी, धनबाद जिला विद्युत साउंड एंड डीजे डेकोरेटर्स संघ एवं इवेंटोनिडो है. राजस्थान के प्रसिद्ध लोक कलाकार मामे खां जाने-माने गायक हैं. लोकगीत और सूफी मिजाज की उनकी गायकी के लोग दीवाने हैं.
विरासत में मिला है संगीत का हुनर
मामे खां को संगीत का हुनर विरासत में मिला है. उनके पिता राणे खां अपने जमाने के ख्यातनाम लोक गायक थे. यही वजह है कि मामे खां ने राजस्थानी लोकधुनों को तो अपने रग-रग में बसा ही लिया, बाद में सुफियाना शैली पर भी महारत हािसल कर ली. वे जब प्रस्तुति दे रहे होते हैं तो सामने बैठे श्रोता/दर्शक उनकी स्वरलहरियों में खो जाते हैं. तो तैयार हो जाइये मामे खां को सुनने-देखने के िलए. जल्द ही उनको सुनने का मौका आपको भी मिलनेवाला है.
मामे खां राजस्थानी लोक संगीत की दुनिया में उभरता हुआ नाम है़ उन्होंने राजस्थानी लोक गायकी में आधुनिकता का पुट देते हुए उसे नयी ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. जैसलमेर के एक छोटे से गांव सतो के रहनेवाले मामे खां स्व. उस्ताद राना खां के बेटे हैं.
मांगणिवार बिरादरी से ताल्लुक रखनेवाले मामे खां को चौदह साल की उम्र में आइसीसीआर (भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद) की ओर से संगीत शिक्षण के लिए वजीफा प्रदान किया गया. उनको लोक गीतों के अलावा सूफी गीत गाने में महारत हासिल है़
मामे खां ने शाहबाद कलंदर, बुल्लेशाह जैसे कई हिट सूफियाना गीत गाये हैं. इसके अलावा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी कई बार अपनी आवाज का जादू बिखेरा है. वर्ष 1999 में उन्होंने न्यूयार्क में आयोजित संगीत समारोह में प्रस्तुति दी़ उसके बाद से उन्होंने यूरोप, अफ्रीका और खाड़ी के देशों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा है़
मामे खां ने बॉलीवुड की कई फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा है़ उन्होंने नो वन किल जेसिका, लक बाई चांस व बालिका वधू का टाइटल सांग भी गाया है. कोक स्टूडियो में भी मामे खां अपनी बेहतरीन प्रस्तुति दे चुके हैं. शंकर महादेवन के ग्रुप में भी मामे खां को शामिल किया गया है.

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