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देवघर गये 16 डॉक्टर, बढ़ी परेशानी
धनबाद : श्रवणी मेला देवघर में जिले के 16 चिकित्सकों को लगाने के बाद चिकित्सा सेवा चरमरा गयी है. पहले से चिकित्सकों की कमी ङोल रहे विभाग के पसीने छूट रहे हैं. कई प्रखंडों से आम लोगों की शिकायत मिल रही है. इस बाबत सिविल सजर्न डॉ एके सिन्हा ने बाघमारा सीएचसी का निरीक्षण किया. […]
धनबाद : श्रवणी मेला देवघर में जिले के 16 चिकित्सकों को लगाने के बाद चिकित्सा सेवा चरमरा गयी है. पहले से चिकित्सकों की कमी ङोल रहे विभाग के पसीने छूट रहे हैं. कई प्रखंडों से आम लोगों की शिकायत मिल रही है. इस बाबत सिविल सजर्न डॉ एके सिन्हा ने बाघमारा सीएचसी का निरीक्षण किया. बताया जाता है कि विभाग के पास फिलहाल 60 चिकित्सक सेवारत हैं. इसमें 16 देवघर चले गये हैं.
एक चिकित्सक और सौ मरीज : बाघमारा से डॉएसएस लाल, डॉ मनीष व डॉ आलोक मेला में चले गये हैं. यहां दो चिकित्सक बचे हैं. गुरुवार को निरीक्षण के क्रम में देखा गया कि एक महिला चिकित्सक लगभग सौ मरीजों की जांच कर रही है. जबकि दूसरा चिकित्सक नाइट डय़ूटी कर के फिर से दिन की डय़ूटी के लिए आ गये हैं.
दूसरे केंद्र की भी बदतर स्थिति : गोविंदपुर सीएचसी में स्थिति विकट हो गयी है. यहां से प्रभारी चिकित्सक डॉ जीतेश रंजन, डॉ विजेंद्र कुमार व डॉ आनंद देवघर गये हैं. यहां भी दो चिकित्सकों के भरोसे केंद्र है. इसके साथ निरसा से दो, तोपचांची व टुंडी से चिकित्सकों के जाने से आम लोगों को मुकम्मल चिकित्सकीय सेवा मुहैया नहीं हो पा रही है.
सहिया-सेविका के भरोसे अभियान : चिकित्सकों व कर्मचारियों की कमी के कारण स्वास्थ्य विभाग का कई काम सेविका व सहियाओं के भरोसे चल रहा है. डायरिया नियंत्रण पखवारा इन्हीं के जिम्मे हैं. हाल ही में परिवार स्वास्थ्य मेला, मलेरिया रोधी माह में भी इनकी ही भूमिका अहम रही. सहियाओं के काम के बाद मानदेय के लिए एक-एक साल विभाग के चक्कर लगाने पड़ते हैं.
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