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उनकी हरकतें ऐसी कि बयां नहीं कर सकतीं

लड़कियों का हॉस्टल अधीक्षक के पति पर गंभीर आरोप धनबाद : मिश्रित भवन के निकट स्थित वर्किग महिला हॉस्टल एवं अनुसूचित जाति बालिका छात्रवास की कामकाजी महिलाएं-छात्राएं अधीक्षक लीला रवानी के पति सुबोध कुमार से परेशान हैं. शनिवार को लड़कियों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने सुबोध कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाये और उपायुक्त कृपानंद […]

लड़कियों का हॉस्टल अधीक्षक के पति पर गंभीर आरोप
धनबाद : मिश्रित भवन के निकट स्थित वर्किग महिला हॉस्टल एवं अनुसूचित जाति बालिका छात्रवास की कामकाजी महिलाएं-छात्राएं अधीक्षक लीला रवानी के पति सुबोध कुमार से परेशान हैं. शनिवार को लड़कियों ने जमकर हंगामा किया. उन्होंने सुबोध कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाये और उपायुक्त कृपानंद झा से मिलीं.
डीसी ने मामले की तुरंत जांच करने का आश्वासन दिया.उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाने पर उनके ऊपर कार्रवाई भी होगी. फिलहाल धनबाद की सीडीपीओ को हॉस्टल का प्रभार दिया जायेगा. डीसी ने एसपी से हॉस्टल की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है. सीडीपीओ प्रीति रानी छुटटी पर है , उनके आते ही उन्हें चार्ज मिल जायेगा. अधीक्षक लीला रवानी आंगनबाड़ी केंद्र बाघमारा में सुपरवाइजर हैं. उनके पति सुबोध कुमार शिक्षा विभाग में सीआरपी हैं.
अधीक्षक ने कहा-मेरे पति ऐसे नहीं
हॉस्टल अधीक्षक लीला रवानी का कहना है कि उनके पति ऐसे नहीं हैं. दरअसल इन लड़कियों पर शाम छह बजे के बाद बाहर आने-जाने पर रोक लगा दी हूं . इसलिए ये लोग साजिश के तहत मेरे पति पर गलत इलजाम लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां नारायण सिंह नामक एक व्यक्ति के बहकावे पर ये लोग ऐसा कह रही हैं. नारायण सिंह यहां मेस का इंचार्ज है.
विस की विशेष कमेटी के निर्देश का भी पालन नहीं
तीन पहले झारखंड विधानसभा की विशेष कमेटी ने छात्रवास का निरीक्षण किया था. कमेटी की चेयरमैन गंगोत्री कुजूर और विधायक राज सिन्हा ने अधिकारियों को आदेश दिया था कि हॉस्टल से बाहरी व्यक्ति को हटाया जाये. लेकिन उसका पालन नहीं हुआ. तब कल से ही छात्राएं डीसी के आने का इंतजार कर रही थीं. आज जैसे ही उन्हें पता चला तो वे लोग फरियाद करने समाहरणालय पहुंच गयीं.
हॉस्टल में रहती हैं 148 छात्राएं
वर्किग वीमेन हॉस्टल में 108 और अनुसूचित जाति बालिका छात्रवास में 40 छात्राएं रह रही हैं.
2013 में भी हो चुका है हंगामा
सुरक्षा को लेकर वर्ष 2013 में भी हॉस्टल की छात्राओं ने उस समय के उपायुक्त प्रशांत कुमार से मुलाकात की थीं. उपायुक्त की पहल पर परेशान करनेवाली छात्राओं को हॉस्टल से हटा दिया गया था.
– ज्ञापन और मौखिक रूप से छात्राओं ने डीसी को बताया कि छात्रवास की अधीक्षक लीला रवानी के साथ उनके पति सुबोध कुमार भी रहते हैं. सुबोध छात्राओं के प्रति गलत निगाह रखते हैं. हॉस्टल की कुक को ब्ल्यू फिल्म दिखाते हैं.
छात्राओं का कभी हाथ पकड़ लेते हैं तो कभी पीठ पर हाथ रखते हैं. तरह-तरह से छात्राओं की बॉडी टच करते हैं और भी कई तरह की हरकत करते है जिसे बयां नहीं कर सकती.
त्न इन बातों की जानकारी अधीक्षक को देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गयी. लाइट नहीं रहने पर हमें चापाकल से पानी लाने नीचे आना पड़ता है. जब हम चापानल पर पानी लेने आते हैं तो अधीक्षक के पति वहां पहुंच कर हमें घूरते हैं. कभी दोस्तों के साथ आ धमकते हैं.
कभी बिना बताये चेक करने चले आते हैं. जबकि छात्रवास में पुरुषों का आना मना है. छात्रवास में सिर्फ महिलाएं रहती हैं.त्न कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. सर हमें सुरक्षा चाहिए. हमें डर-डर कर रहना पड़ रहा है. अधीक्षक छात्राओं से कहती हैं जहां जाना है, जिससे शिकायत करनी है, करो. हमारा कुछ नहीं बिगड़ सकता है. प्लीज सर हम छात्राओं को सुरक्षा दिलवायें. हम बहुत दूर से आकर हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहें हैं. हमारा भविष्य बरबाद होने से बचा लीजिए.
त्न मीडिया के समक्ष छात्राओं ने कहा कि अधीक्षक रात में बाहरी युवकों को भी लाते हैं. कोशिश करते है कि गलत काम करवाने का. हमलोगों का बस इसी का विरोध है. हमलोग सिर्फ यह चाहते हैं कि अधीक्षक के पति यहां नहीं रहें और न ही पुरुषों का हॉस्टल में प्रवेश हो.

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