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प्रेमी की हत्या में प्रेमिका समेत दो को उम्रकैद
धनबाद: निरसा थाना क्षेत्र के बड़ईगढा चीरूटांड़ निवासी नरेश तुरी की हत्या के मामले में गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश तेरह महेंद्र प्रसाद की अदालत ने प्रेमिका सुखोदी हांसदा व दुसाध मांझी को भादवि की धारा 302 में दोषी पाकर उम्र कैद व दस दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. अदालत ने […]
धनबाद: निरसा थाना क्षेत्र के बड़ईगढा चीरूटांड़ निवासी नरेश तुरी की हत्या के मामले में गुरुवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश तेरह महेंद्र प्रसाद की अदालत ने प्रेमिका सुखोदी हांसदा व दुसाध मांझी को भादवि की धारा 302 में दोषी पाकर उम्र कैद व दस दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. अदालत ने 14 जुलाई 15 को आरोपी द्वय को हत्या के जुर्म में दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया था. फैसला सुनाये जाने के वक्त अभियोजन की ओर से एपीपी ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह अदालत में मौजूद थे.
क्या है मामला : 23 सितंबर 04 को नरेश तुरी अपने घर के बाहर खाट पर सोया था. रात डेढ़ बजे सोये हुए हाल में ही उसके सिर पर टांगी से मार कर हत्या कर दी गयी. नरेश की मां सवित्री देवी ने निरसा थाना में अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी. निरसा थाना के तत्कालीन थानेदार नागेंद्र राम ने घटना की जांच की और दुसाध मांझी व सुखोदी हांसदा से पूछताछ की. पूछताछ के दौरान सुखोदी ने हत्या का राज खोल दिया. पुलिस ने अनुसंधान में पाया कि सुखोदी हांसदा के साथ नरेश का प्रेम था. बाद में सुखोदी व दुसाध एक दूसरे के करीब आ गये थे. प्रेम प्रसंग को ले सुखोदी व दुसाध ने मिलकर नरेश की हत्या कर दी. केस के आइओ ल्ििवया सिंह मुचिया ने 21 दिसंबर 04 को दोनों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. अदालत ने 30 मई 05 को आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 302,34 में आरोप तय किया. अभियोजन की ओर से एपीपी श्री सिंह ने 8 गवाहों का परीक्षण कराया.
दुष्कर्मी को दस वर्ष की सजा
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पंचम विधान चंद्र चौधरी की अदालत ने दुष्कर्म के एक मामले में आमटांड़ निवासी महेंद्र प्रसाद महतो को भादवि की धारा 376 में दोषी पाकर दस वर्ष की कैद व दस हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी.अदालत ने आरोपी को 14 जुलाई 15 को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया था. फैसले के वक्त अदालत में एपीपी अनिल कुमार झा मौजूद थे. बता दें कि 13 मई 11 को तोपचांची थाना क्षेत्र के आमटांड़ की रहने वाली पीड़िता शाम को शौच के लिए जा रही थी. तभी पहले से घात लगाये बैठे वहीं के महेंद्र ने उसका हाथ पकड़ लिया और जंगल की तरफ ले गया. वहां उसके साथ दुष्कर्म किया गया. पीड़िता के शोर मचाने पर गांव के लोग जंगल की ओर दौड़े तो दुष्कर्मी भाग गया. पीड़िता की शिकायत पर तोपचांची थाना में कांड संख्या 70/11 दर्ज हुआ. केस के आइओ नजीमुद्दीन खान ने आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. केस विचारण के दौरान अभियोजन की ओर से एपीपी श्री झा ने दस गवाहों का परीक्षण कराया.
मानहानि मामले में संपादक बनखंडी मिश्र बरी
अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह की अदालत ने मानहानि के एक मामले में गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए शक्तिपुंज एक्सप्रेस के संपादक बनखंडी मिश्र को साक्ष्य के आभाव में बरी कर दिया. फैसला सुनाये जाने के वक्त उनके अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह मौजूद थे. बता दें कि पारबाद बस्ती निवासी व बीसीसीएलकर्मी तपन कुमार महथा ने वर्ष 2011 में झरिया निवासी व शक्तिपुंज एक्सप्रेस के संपादक बनखंडी मिश्र के खिलाफ भादवि की धारा 500 के तहत अदालत में शिकायतवाद 1093/11 दर्ज कराया था. श्री महथा ने आरोप लगाया था कि संपादक ने एक मई से 15 मई 2011 के शक्तिपुंज एक्सप्रेस के अंक में परिवादी के खिलाफ बीसीसीएल की संपत्ति चोरी करने, नाजायज तरीके से पदोन्नति लेने, कोयला चोरी में हिस्सेदारी लेने,आउट सोर्सिग के लोगों से रंगदारी मांगने से संबंधित खबर प्रकाशित की थी, जिससे परिवादी की सामाजिक मानहानि हुई.अदालत में परिवादी अपना केस साबित नहीं कर पाया.
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