सुरक्षा समिति के सदस्यों ने हाल में घटित सांघातिक विशेष कर विद्युत से संबंधित दुर्घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की. बैठक में कई महत्वपूर्ण एवं दूरगामी निर्णय लिये गये. डॉ लाहिड़ी ने कहा कि अंतरमन से कार्य नहीं करने पर ऐसी दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. इसमें कमी लाने के लिए सभी को इच्छा शक्ति से काम करना होगा. उन्होंने सुझाव दिया कि दूसरी कंपनियों की खदान का निरीक्षण करके उनकी अच्छी चीजें इस कंपनी में लागू की जा सकती हैं.
हमारे सोच में कार्य संस्कृति का समावेश हो. कंपनी का भविष्य उसकी कार्य योजना पर निर्भर करता है. उन्होंने अपना विजन प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमें एक बेंच मार्क निर्धारित करना चाहिए ताकि अपेक्षित सुधार हो सके. हमें कंपनी के वर्टिकल विस्तार पर कार्य करना चाहिए.
इससे पर्यावरण संबंधी कई समस्याओं का निराकरण संभव हो सकेगा. उन्होंने कहा कि उत्तरदायित्व का बोध ऊपर से नीचे तक हो. किसी भी कड़ी के टूटने पर निर्णय लागू नहीं हो पाता है. डीसी झा ने कहा कि ब्लास्टिंग पैटर्न का अध्ययन कर सुधार किया जाये, ताकि इससे आस-पास की संपत्ति का नुकसान न हो. उन्होंने सुझाव दिया कि किसी भी श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके घर जाकर सांत्वना देना चाहिए, उनके दु:ख को अपना दु:ख समङों ताकि दुर्घटना में कमी आ सके. अशोक सरकार ने कहा अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक के विचारों को नीचे तक ले जाना हमारी जिम्मेदारी है. निदेशक(कार्मिक) बीके पंडा ने कहा कि पीपीई के बिना किसी भी कर्मी को कार्य करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. इस अवसर पर निदेशक (वित्त) केएस राजेशखर ने सुरक्षा से संबंधित अपना सुझाव प्रकट किया.