धनबाद: पार्किग की समस्या से जूझ रहे शहरों के लिए यह खबर राहत भरी हो सकती है. आइएसएम के छात्र एक ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जो ऑटोमेटिक पार्किग सिस्टम से जुड़ा है. इससे बहुमंजिली इमारतों में पार्किग समस्या का निदान हो सकता है.
आइएसएम के छात्रों ने रोबोट की मदद इसका खाका तैयार किया है. उनका दावा है कि यह सिस्टम बेहद कारगर होगा. आइएसएम में चल रहे एक्सपो-13 में रविवार को इसका प्रदर्शन किया गया. इसके अलावा दर्जन भर रोबोट के मॉडल पेश किये गये, जिनका सरोकार आम आदमी की रोजाना की जिंदगी से है.
कैसे काम करता है
एक्सपो-13 के रीतेश बताते हैं – यह एक मेकेनिकल सिस्टम है, जो पार्किग स्पेस को कम करेगा. इसे आप बहुमंजिली पार्किग गैरेज भी कह सकते हैं. इससे जगह की भी बचत होगी. रोबोट के जरिये यह पता चल पायेगा कि गैरेज में कौन सी जगह खाली है. कार की ट्रांसपोर्टिग के लिए मैकेनिकल सिस्टम की जरूरत होगी. इस सिस्टम में कार की लंबाई और चौड़ाई के हिसाब से जगह निर्धारित होगी. इसके लिए पार्किग स्पेस में कार ड्राइव करने की एलाउंस भी नहीं देनी पड़ेगी. कार सिस्टम के जरिये अपनी निर्धारित मंजिल पर पहुंच जायेगी.
थ्री- डी एलक्ष्डी क्यूब व हॉक रोबोट
इसका इस्तेमाल थ्री डी एलक्ष्डी टेलीविजन में होगा. इसके अलावा विभिन्न तरह की जटिल ढांचे को भी प्रदर्शित किया जा सकेगा. विशेष तौर पर र सायन शास्त्र के जटिल प्रयोग इसके जरिये कक्षा तक पहुंचाये जा सकेंगे. एक्सपो में एक हॉक रोबोट भी प्रदर्शित किया गया है. यह सेना के लिए महत्वपूर्ण होगा. इसके जरिये प्रतिबंधित क्षेत्रों में घुसपैठ या सीमा पर दुश्मन देश से होने वाली हरकत पर भी नजर रखी जा सकेगी.
और कौन- कौन से मॉडल : प्लॉटर : इसके जरिये किसी भी नक्शा, डिजाइन को हू-ब-हू उतारा जा सकता है.
स्टेयर क्लाइंबर: ऐसा रोबोट बड़ी आसानी से किसी भी ऊंचाई या सीढ़ी पर चढ़ सकता है.
एरोप्लेन : एक ऐसा एयरक्राफ्ट जो रिमोट के जरिये संचालित होगा. सर्वे में बेहद कारगर साबित होगा.