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पांच सालों में नहीं बने 23 पंचायत भवन
धनबाद: पांच साल पूरा होने के बावजूद 23 पंचायतों को अपने सचिवालय नसीब नहीं हुए. इन पंचायतों के भवन नहीं बनने के कारण अब पंचायती राज विभाग की ओर से पंचायत सेवकों पर प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी हो रही है. मैथन में जमीन नहीं मिली : जिला पंचायती राज पदाधिकारी शेखर वर्मा ने बताया […]
धनबाद: पांच साल पूरा होने के बावजूद 23 पंचायतों को अपने सचिवालय नसीब नहीं हुए. इन पंचायतों के भवन नहीं बनने के कारण अब पंचायती राज विभाग की ओर से पंचायत सेवकों पर प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी हो रही है.
मैथन में जमीन नहीं मिली : जिला पंचायती राज पदाधिकारी शेखर वर्मा ने बताया कि अब तक कुल 233 पंचायत भवन बन कर तैयार हो चुके हैं. मैथन में जमीन के अभाव में काम शुरू नहीं हुआ. शेष जगहों में विभाग की ओर से ढोकरा, दामोदरपुर एवं बाघमारा पंचायत भवन समय पर पूरा नहीं होने के कारण वहां के पंचायत सेवकों पर प्राथमिकी दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसके अलावा 19 पंचायत सेवकों को प्रखंड विकास पदाधिकारी शो-कॉज करेंगे. सटीक जवाब नहीं मिला तो उन पर भी एफआइआर दर्ज होगी.
पांच वर्षो में 47 योजनाएं लंबित : बीआरजीएफ से कुल 604 योजनाएं ली गयीं. कुल आवंटित 5986.584 लाख रुपये में 5796.301 लाख रुपये खर्च हुए और 539 योजनाएं पूरी हुईं. इस राशि से पंचायत भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, पीसीसी सड़क, पुल बनाये गये. वित्तीय वर्ष 2008- 2009 से 2013 -2014 नवंबर माह तक कुल 47 योजनाएं लंबित हैं.
योजनाओं का हाल
वर्ष 2008- 2009 में 62 पंचायत भवन बनाने की योजनाओं में तीन लंबित रह गये. आंगनबाड़ी केंद्र की 94 योजनाओं में तीन लंबित रही. इसी तरह वर्ष 2009-2010 में ली गयी 126 योजनाओं में 113 ही पूरी हुईं. 2010 – 11 में ली गयीं 166 योजनाओं में 128 पूरी हुई. इसी तरह वित्तीय वर्ष 2011- 2012 में 101 योजनाएं ली गयी और सिर्फ तीन ही लंबित रही. 2013-13 में 55 में 52 योजनाएं पूरी हुईं. शेष योजनाओं की जानकारी जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी ने सभी बीडीओ से मांगी है.
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