इसको मेंटेन करने में भी बहुत परेशानी नहीं है. टैब एवं सीम की खरीदारी विभाग को अपने खर्च पर करनी है. इसके लिए सभी विभागाध्यक्षों को आवश्यक निर्देश दिया गया है. जबकि बड़े सरकारी ऑफिस मसलन बीडीओ, सीओ कार्यालय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस यंत्र लगेगा. इससे सरकारी कर्मियों के बगैर सूचना के कार्यालय से गायब रहने की शिकायतें दूर होगी.
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अब टैब के जरिये बनेगी हाजिरी
धनबाद. बायोमीट्रिक एटेंडेंस को अनिवार्य बनाने के लिए प्रशासनिक कवायद तेज हो गयी है. रिमोट इलाका में अवस्थित सरकारी दफ्तरों, भवनों में कार्यरत कर्मियों को बायोमीट्रिक हाजिरी बनाने के लिए टैब का सहारा लेने को कहा गया है. उपायुक्त केएन झा ने उप विकास आयुक्त, सिविल सजर्न, जिला शिक्षा पदाधिकारी को पंचायत भवन, हेल्थ सब […]
धनबाद. बायोमीट्रिक एटेंडेंस को अनिवार्य बनाने के लिए प्रशासनिक कवायद तेज हो गयी है. रिमोट इलाका में अवस्थित सरकारी दफ्तरों, भवनों में कार्यरत कर्मियों को बायोमीट्रिक हाजिरी बनाने के लिए टैब का सहारा लेने को कहा गया है. उपायुक्त केएन झा ने उप विकास आयुक्त, सिविल सजर्न, जिला शिक्षा पदाधिकारी को पंचायत भवन, हेल्थ सब सेंटर, हाइ स्कूलों में टैब लगवाने को कहा है. सीम सहित टैब लगाने की खर्च लगभग चार हजार रुपये आता है.
डॉक्टरों, शिक्षकों पर विशेष नजर
निचले स्तर तक बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने की मुख्य वजह सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों, स्कूली शिक्षकों पर नजर रखनी है. समय पर सुबह में डॉक्टर, शिक्षक, स्वास्थ्य कर्मी पहुंचे तथा शाम में समय पर ही निकलें. इसलिए दोनों समय हाजिरी बनाने को कहा गया है.
बायोमीट्रिक हाजिरी पर रांची मुख्यालय से भी नजर रखी जायेगी. सभी सरकारी कर्मियों का वेतन भी अब बायोमीट्रिक हाजिरी के आधार पर ही बनेगी. समय पर पंचिंग नहीं करने वाले अधिकारी, कर्मी अनुपस्थित माने जायेंगे. छुट्टी में रहने वालों को अलग से आवेदन देना होगा.
सुनील वर्णवाल, सचिव, आइटी, झारखंड.
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