इससे समझा जा सकता है कि जिला शिक्षा विभाग के आदेशों एवं कानून का स्कूलों पर कितना असर है. कई स्कूलों पर बीपीएल सीटों में भी सामान्य कोटि के बच्चों के नामांकन लेने का आरोप लगने लगा है. जबकि विभाग का सख्त निर्देश है कि नामांकन नहीं होने पर भी निर्धारित बीपीएल सीटें खाली रहेंगी. इस संबंध में जिला शिक्षा विभाग ने स्कूलों से नामांकन के आंकड़े भी मांगे थे, जिसे भी स्कूलों ने कम बताया था. डी-नोबिली ग्रुप एवं कार्मेल ग्रुप के स्कूलों से विभाग ने नामांकन के आंकड़े नहीं मांगे थे.
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नहीं भरी जा रही बीपीएल कोटे की सभी सीटें
धनबाद. शिक्षा का अधिकार (आरटीइ) अधिनियम के तहत निजी स्कूलों की प्रवेश कक्षा की 25 फीसदी सीटों में बीपीएल परिवार के बच्चों का नामांकन किया जाना है. मगर जिले के निजी स्कूल इस अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं. बीपीएल कोटे के बच्चों के लिए निर्धारित सीटों की तुलना में सत्र 2015-16 में केवल 429 […]
धनबाद. शिक्षा का अधिकार (आरटीइ) अधिनियम के तहत निजी स्कूलों की प्रवेश कक्षा की 25 फीसदी सीटों में बीपीएल परिवार के बच्चों का नामांकन किया जाना है. मगर जिले के निजी स्कूल इस अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं. बीपीएल कोटे के बच्चों के लिए निर्धारित सीटों की तुलना में सत्र 2015-16 में केवल 429 बच्चों का ही नामांकन किया गया है.
छह सालों में 1515 कम नामांकन : पिछले छह शैक्षणिक सत्रों में मात्र 1764 बीपीएल सीटों में ही नामांकन हुए हैं. इस कोटे में निर्धारित सीटों की संख्या 3279 थी. इस तरह 1,515 कम सीटों में बीपीएल कोटे में नामांकन हुए. वहीं छह सालों में सामान्य सीटों पर नामांकन केवल 13,117 हुए. नामांकन सीटें भी घटती-बढ़ती रही हैं. ऐसे में निजी स्कूलों द्वारा मुहैया कराये गये आंकड़े कई सवाल खड़े कर रहे हैं. वहीं जिला शिक्षा विभाग नामांकन के मिले आंकड़ों से ही संतोष कर रहा है.
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