धनबाद: बायो मेडिकल वेस्ट के निष्पादन को ले राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद का रूख सख्त हो गया है. पर्षद ने धनबाद सहित रांची हजारीबाग, दुमका, जमशेदपुर जिला के तमाम अस्पताल, नर्सिग होम व क्लिनिक जैसे प्रतिष्ठानों को दस दिनों के अंदर फॉर्म नंबर एक व दो को भर कर संबंधित क्षेत्रीय पदाधिकारी के कार्यालय में जमा करने को कहा गया है. ऐसा नहीं होने पर उनके खिलाफ इपी एक्ट 1986 के तहत विभागीय कार्रवाई होगी.
क्या है दोनों फॉर्म में : फॉर्म एक में बायो मेडिकल वेस्ट निकालने वाले प्रतिष्ठानों को उक्त वेस्ट के निष्पादन के लिए पर्षद से ऑथराइजेशन लेना है, जबकि फॉर्म दो में प्रत्येक साल इस मामले में उक्त प्रतिष्ठानों को अपना वार्षिक प्रतिवेदन जमा करना है. वार्षिक प्रतिवेदन में बताना है कि उनके यहां किस मात्र में वेस्ट निकलती है तथा उसका डिस्पोजल कैसे होता है. यह रिपोर्ट संबंधित प्रतिष्ठान अपने इलाके के क्षेत्रीय कार्यालय में जमा करेंगे.
धनबाद की स्थिति : प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी दिनेश प्रसाद सिंह ने बताया कि धनबाद में लगभग 250 प्रतिष्ठानों को विभाग से मिला है ऑथराइजेशन.