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परिणाम जैसे भी हों, बच्चों का हौसला बढ़ायें

धनबाद : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) के दसवीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम गुरुवार को संभव है. वहीं बारहवीं कक्षा के परिणाम बाद में जारी होंगे. आइएससी व आइसीएसइ के परिणाम सोमवार को जारी हो चुके हैं. जबकि झारखंड एकेडमिक काउंसिल की मैट्रिक एवं इंटर के विज्ञान एवं वाणिज्य का परिणाम 27 अप्रैल को आ […]

धनबाद : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसइ) के दसवीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम गुरुवार को संभव है. वहीं बारहवीं कक्षा के परिणाम बाद में जारी होंगे. आइएससी व आइसीएसइ के परिणाम सोमवार को जारी हो चुके हैं.
जबकि झारखंड एकेडमिक काउंसिल की मैट्रिक एवं इंटर के विज्ञान एवं वाणिज्य का परिणाम 27 अप्रैल को आ चुका है. इसके अलावा भी मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा संबंधी परिणाम आने बाकी हैं. परिणाम आने से पहले एवं बाद में बच्चों एवं अभिभावकों की काउंसेलिंग जरूरी हो जाती है. काउंसेलिंग इसलिए भी जरूरी है कि दसवीं व बारहवीं के बाद बच्चे के आगे का कैरियर तय होता है.
इस समय बच्चों पर दोहरा दबाव होता है. पहला बेहतर परिणाम लाना एवं दूसरा अभिभावक के सपनों के मुताबिक कैरियर विकल्प चुनना. सबसे अधिक दबाव बच्चों पर मेडिकल व इंजीनियरिंग क्षेत्र के लिए डाला जाता है. जबकि हाल ही में हुई अप्रिय घटना इन दो क्षेत्र के विद्यार्थियों के साथ ही घटी. मामले में प्रभात खबर ने मनोवैज्ञानिक डॉ आरएस यादव व सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल के प्राचार्य आरपी तिवारी से बातचीत की.
बच्चों का बढ़ायें उत्साह
परिणाम जैसे भी आये हों या आनेवाले हों, अभिभावक बच्चों का हौसला बढ़ायें. कोशिश करें कि उनमें कोई हीन भावना नहीं आने पाये. विशेषज्ञ बताते हैं कि अभिभावक अपने बच्चे से उसकी क्षमता से अधिक उम्मीद नहीं रखें.
उनसे दोस्ताना व्यवहार करें और आगे बढ़ने व और बेहतर करने को प्रोत्साहित करें. रिजल्ट के समय अभिभावकों की जिम्मेवारी बहुत बढ़ जाती है.
परिणाम को लेकर दूसरे बच्चे से अपने बच्चे की तुलना नहीं करें. मोटिवेट करें कि तुम भी वैसे अंक और मेहनत कर ला सकते हो. माता-पिता अपने बच्चों को समय दें. बच्चों पर अपना पसंदीदा कैरियर न थोपे. बच्च क्या चाहता है, यह जानने का प्रयास करें. बच्चे भी अपना ड्रीम मम्मी-पापा के साथ शेयर करें.
प्रो आरएस यादव, विभागाध्यक्ष, मनोविज्ञान, पीके राय कॉलेज
यह परिणाम अंतिम नहीं
जरूरी नहीं कि हमेशा जिंदगी में सब कुछ अच्छा ही होगा. पैरेंट्स यह सोचे कि उनके बच्चे का यह परिणाम अंतिम नहीं है. हर बच्च एक विशेष गुण के साथ जन्म लेता है. बस उसकी पहचान एवं उचित प्लेटफॉर्म की जरूरत है.
आरपी तिवारी, प्राचार्य
सेंट जेवियर्स इंटरनेशनल स्कूल

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