धनबाद : हर कोई अपने बच्चे को बेहतर से बेहतर शिक्षा दिलाना चाहता है. अच्छी शिक्षा के लिए कई परिवार अपनी जरूरतों से समझौता भी करते हैं. पेट काट कर बच्चों की स्कूल फीस जमा करते हैं, बावजूद इसके बीपीएल कोटे के तहत एडमिशन लेने वालों की तादाद काफी कम है. इस कोटे के तहत निजी स्कूलों की एडमिशन की मंशा सवालों के घेरे में है. वर्तमान सत्र 2013-14 में बीपीएल कोटे के तहत जिले के निजी स्कूलों में केवल 92 एडमिशन ही लिये गये. यह एडमिशन 24 स्कूलों में ही हुए हैं, जबकि स्कूलों की संख्या लगभग इसकी दोगुनी है.
नियमों पर भी उठ रहे सवाल : जिले में इस कोटे के तहत एडमिशन के नियमों पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं. वहीं केंद्रीय विद्यालयों में इस कोटे के तहत एडमिशन के आसान नियम हैं. वहां एडमिशन की सूचना के वक्त ही इस कोटे के लिए 25 फीसदी सीटों को रिजर्व कर लिया जाता है.
सरकार ने मांगे आंकड़े : प्राथमिक शिक्षा निदेशक ममता ने मामले पर जिले से एडमिशन के आंकड़े मांगे हैं. कहा है कि आरटीइ के तहत इस कोटे में स्कूलों की प्रवेश कक्षा में कितने एडमिशन लिये गये. वहां प्रवेश कक्षा में कितने सेक्शन हैं और सभी सेक्शन मिला कर कक्षा में एडमिशन की कुल कितनी सीटें हैं.