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दुष्कर्म में 10 साल की कैद
धनबाद: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पंचम विधान चंद्र चौधरी की अदालत ने मंगलवार को दुष्कर्म के एक मामले में तोपचांची थाना क्षेत्र के पहाड़पुर निवासी जेल में बंद तेजलाल सोरेन को भादवि की धारा 376 (एफ) में 10 वर्ष की कैद व 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. फैसले के वक्त पुलिस ने […]
धनबाद: अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पंचम विधान चंद्र चौधरी की अदालत ने मंगलवार को दुष्कर्म के एक मामले में तोपचांची थाना क्षेत्र के पहाड़पुर निवासी जेल में बंद तेजलाल सोरेन को भादवि की धारा 376 (एफ) में 10 वर्ष की कैद व 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी. फैसले के वक्त पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच आरोपी को अदालत में उपस्थापन कराया. अभियोजन की ओर से एपीपी अनिल कुमार दास भी अदालत में मौजूद थे.
क्या है मामला : 16 सितंबर 12 की रात 8:30 बजे आरोपी तेजलाल साढ़े चार वर्षीया बच्ची के घर गया. उस वक्त बच्ची की मां रोटी बना रही थी. उसने बच्ची की मां से एक रोटी मांगी और बोला कि मेरे यहां मुरगा बन रहा है. मुरगा खिलाने के बहाने बच्ची को अपने घर ले गया. घर के बगल की झाड़ी में ले जाकर उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया. जब बच्ची घर नहीं लौटी तो उसकी मां ने खोजबीन शुरू की. खोजने के क्रम में पीड़िता रास्ते में मिली और मां को रोते हुए आपबीती सुनायी. पीड़िता के पिता ने 17 सितंबर 12 को तोपचांची थाना में आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी. केस के आइओ बैजू उरांव ने आरोपी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया. अभियोजन की ओर से एपीपी श्री दास ने आइओ, डॅाक्टर समेत 10 गवाहों की गवाही करायी. यह मामला एसटी केस नंबर 586/12 से संबंधित है.
बार कोषाध्यक्ष ने दर्ज कराया बयान, गंभीर आरोप
बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष मधुसूदन चक्रवर्ती ने मंगलवार को न्यायिक दंडाधिकारी अनूप तिर्की की अदालत में हाजिर होकर अपना बयान दर्ज कराया. शिकायतकर्ता के अधिवक्ता सत्य प्रकाश सिंह ने पैरवी की. श्री चक्रवर्ती ने अदालत को बताया कि 29 मार्च 15 को दोपहर 12 बजे वह अपने गोविंदपुर आवास में बार अध्यक्ष कंसारी मंडल, महासचिव देवी शरण सिन्हा व ब्रजकिशोर के साथ बैठ कर बार की आवश्यक बैठक के संबंध में वार्ता कर रहे थे. तभी राधेश्याम गोस्वामी, प्रयाग महतो, हरिहर प्रसाद खटिक कुछ अन्य लोगों के साथ हथियार से लैस होकर मारुति कार से आवास परिसर में जबरन घुस कर सभी को घेर लिया. शिकायतकर्ता ने अदालत को बताया कि राधेश्याम गोस्वामी ने कंसारी मंडल के माथे पर पिस्टल व प्रयाग महतो ने मेरे शरीर पर गुप्ती सटा कर पांच लाख रुपये बतौर रंगदारी व फ्री में चेंबर देने को कहा. विदित हो कि बार कोषाध्यक्ष मधुसूदन चक्रवर्ती ने सात अप्रैल 15 को अदालत में तीनों के खिलाफ शिकायतवाद 930/15 दर्ज कराया था.
11 अधिवक्ताओं को शो कॉज
धनबाद बार एसोसिएशन के खिलाफ झूठा अफवाह फैलाने को लेकर बार अध्यक्ष कंसारी मंडल व महासचिव देवीशरण सिन्हा ने संयुक्त हस्ताक्षर से एडवोकेट एक्ट 1961 की धारा 35 के तहत बार के अधिवक्ता राधेश्याम गोस्वामी, प्रयाग महतो, सीताराम खेतान, वीणा कुमारी, सूर्य प्रताप सिंह, मो अफरोज आलम, जयराम मोदक, मोबासरा खातून, लोकनाथ त्रिवेदी, मेधनाथ रवानी व सुभाष ठाकुर को शो कॉज किया है. उन अधिवक्ताओं को स्पीड पोस्ट के माध्यम से शो कॉज भेजा गया है. उन्हें पत्र प्राप्ति के 15 दिनों के अंदर जवाब देने को कहा गया है. यह शो कॉज 7 मई 15 को कार्यकारिणी की हुई बैठक में लिए गये निर्णय के आलोक में दिया गया है.
फर्जी तरीके से नौकरी लेने में सजा
न्यायिक दंडाधिकारी मो उमर की अदालत ने मंगलवार को रेलवे में फर्जी ढंग से नौकरी लेने के मामले में राम सकल को भादवि की धारा 420, 467,468 में ढाई-ढाई वर्ष व 471 में एक वर्ष की सजा सुनायी. बाद में अदालत ने सजायाफ्ता को ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी.आरोपी ने रेलवे में फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर नौकरी ले ली थी. रेलकर्मी पीके दास ने 2 जुलाई 02 को धनबाद थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
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