धनबाद: उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए यूजीसी ने कॉलेजों के लिए नैक एक्रिडिटेशन जरूरी कर दिया है. ऐसे में एक्रिडिटेशन सिंदरी कॉलेज के लिए एक बड़ी चुनौती बन गयी है. पिछले दिनों सिंदरी कॉलेज ने नैक के लिए आवेदन भी किया था, लेकिन कुछ जरूरी मुद्दों पर सवाल करते हुए आवेदन वापस कर दिया गया. इसके बाद कॉलेज ने अब तक दोबारा आवेदन नहीं किया. कॉलेज में ब्वायज की पढ़ाई सिंदरी मनोरहरटांड़ में स्थित विवि के निर्मित भवन व गल्र्स की पढ़ाई सिंदरी एफसीआइएल के पुराने अपरेटिंस भवन में चलती है.
कितने स्टूडेंट्स : विवि के खाते में सिंदरी कॉलेज का भवन वास्तव में मनोहरटांड़ ही है, लेकिन एफसीआइएल द्वारा दी गयी सुविधा के आधार पर छात्रओं की पढ़ाई के लिए अलग व्यवस्था कर दी गयी है. सिंदरी कॉलेज में इंटर व स्नातक दोनों की पढ़ाई होती है. यहां अध्ययरत कुल छात्र-छात्रओं की संख्या 5837 है. इसमें गल्र्स कॉलेज में लगभग 2500 छात्रएं अध्ययनरत हैं, जबकि मनोहरटांड़ में शेष 3337 छात्र.
क्या है स्थिति
मनोहरटांड़ स्थित भवन में केवल पांच क्लास रूम है, वह भी जजर्र स्थिति में.
3337 स्टूडेंट्स एक साथ क्लास करने आ जायें तो बैठाने की जगह नहीं.
परीक्षा सहित अन्य बड़ा आयोजन गल्र्स विंग में ही आयोजित करनी पड़ती है. इसके लिए मनोहरटांड़ से भी बेंच-कुरसी मंगानी पड़ती है.
गर्ल्स विंग को एफसीआइएल प्रबंधन ने भवन खाली करने का नोटिस बहुत पहले दिया है. क्योंकि नया उद्योग स्थापित करने के लिए एफसीआइएल की सारी संपत्ति सेल को मिलने जा रही है.
कॉलेज के पास सिर्फ नाम की लाइब्रेरी है.
प्रयोगशाला है तो प्रयोग कराने के लिए डोमेस्ट्रेटर व लैब ब्वॉय नहीं.
5837 स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए कॉलेज में केवल 18 शिक्षक
बॉटनी, जूलॉजी तथा मैथ में एक भी स्थायी शिक्षक नहीं, 200 रुपये प्रति क्लास पर जैसे-तैसे हो रही क्लास.
कोशिश में लगा हूं : डॉ सिंह
प्रभारी प्राचार्य डॉ कामता सिंह ने बताया कि उनके यहां आधारभूत संरचना से लेकर संसाधन व टीचर्स तक नहीं हैं. पहल विवि को करनी है. हमें तो आदेश का कार्यान्वयन करना है. नैक लेना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन कोशिश में लगा हूं.