धनबाद: धनबाद थाना की पुलिस ने बीसीसीएल में सुपरवाइजर की नौकरी दिलाने के नाम पर गया, नालंदा, नवादा समेत अन्य जगह के युवकों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले दो युवकों रंजीत और प्रेम को गिरफ्तार किया है. दोनों नवादा के हैं. उनके पास से बोलेरो, सैकड़ों आवेदन फार्म, नौकरी के नाम पर ठगे गये युवकों के प्रमाण पत्र, जाली मुहर समेत अन्य कागजात जब्त किये गये हैं. बोलेरो चालक निरंजन व उसके सहयोगी आनंदी नामक युवक को भी पकड़ा गया है. बोलेरो को किराये पर धनबाद लाया गया है. इस संबंध में नालंदा के गिरियक निवासी आशिक कुमार (पिता रामधनी प्रसाद), जीतेंद्र कुमार (पिता मनीष साव) व गुंजन कुमार (पिता-प्रमोद सिंह) ने पुलिस को शिकायत की थी.
क्या है मामला : इंटर पास जीतेंद्र, गुंजन व आशिक का संपर्क रंजीत से हुआ. रंजीत व प्रेम ने कहा कि दो-दो लाख रुपये जमा करो, एक माह के अंदर नौकरी लग जायेगी. दो माह पहले धनबाद में ही बुलाकर तीनों से दो-दो लाख रुपये और शैक्षणिक कागजात लिये गये.
एक माह बीत जाने के बाद ज्वाइनिंग के नाम पर टाल-मटोल करने लगे. नौकरी लगाने या पैसा वापसी करने की की पर तीनों छात्रों को दो दिन पहले धनबाद बुलाया गया. रंजीव व प्रेम रांगाटांड़ स्थित शेखर गेस्ट हाउस में आकर ठहरे. जीतेंद्र को इंटरव्यू लेटर दिया गया. बीसीसीएल मुख्यालय की ओर से जारी लेटर पर कंपनी के डीए यादव (जीएम पीएंड आइआर) के हस्ताक्षर हैं. जीतेंद्र को तो प्रेम व रंजीत ने बोलेरो से बैठा कर कोयला भवन की ओर ले गया और कहा कि इंटरव्यू है. घुमाकर ले आया और कहा कि अभी झारखंड स्टेट के लोगों की ही बहाली होगी. बिहार के लोगों की बहाली में देर लगेगी.
आशिक व गुंजन को होटल के पास ही खड़ा रहने को कहा गया था. आशिक का भाई पंकज आरपीएफ का कांस्टेबल है, जिससे उसने शिकायत की. पंकज ने धनबाद थानेदार अखिलेश्वर चौबे को सूचना दी. पुलिस ने शेखर गेस्ट हाउस में छापामारी कर रंजीत व प्रेम समेत चार युवकों को पकड़ लिया. कागजात व बैग जब्त किये गये. रंजीत व प्रेम खुद को बेकसूर बता रहा है. कागजात कहां से आये और क्यों रखे थे यह पूछने पर वह चुप रहा. पैसे लेने की बात से भी वह इनकार कर रहा है. पीड़ित छात्रों को कहना है कि यह गिरोह कई युवकों को ठग चुका है.