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बोले सुरेश सिंह के पुत्र: शशि को भी दिलायेंगे सजा

धनबाद: विनोद सिंह हत्याकांड में रामधीर सिंह को उम्र कैद की सजा होने से पीड़ित पक्ष संतुष्ट व खुश है. फैसले के बाद गुरुवार को रामायण निवास धैया (स्व. सुरेश सिंह के आवास) में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में परिजन संबंधियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. विनोद सिंह के भांजे और सुरेश सिंह के पुत्र अजय सिंह […]

धनबाद: विनोद सिंह हत्याकांड में रामधीर सिंह को उम्र कैद की सजा होने से पीड़ित पक्ष संतुष्ट व खुश है. फैसले के बाद गुरुवार को रामायण निवास धैया (स्व. सुरेश सिंह के आवास) में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में परिजन संबंधियों ने अपनी प्रतिक्रिया दी. विनोद सिंह के भांजे और सुरेश सिंह के पुत्र अजय सिंह उर्फ पिंटू ने कहा कि कोर्ट से फैसले से वह संतुष्ट हैं और खुशी है. 17 वर्षो की कानूनी लड़ाई के बाद मामा के हत्यारे को कानून ने सजा सुनायी है. मेरी इच्छा है कि अब रामधीर आयें और कोर्ट में हाजिर होकर अपनी सजा काटें.
अजय ने कहा कि किसी से उनकी पारिवारिक दुश्मनी नहीं है. उन्होंने कहा : मेरा दुश्मन न तो सिंह मैंशन है न रघुकुल. हम चाहते हैं कि आगे दो परिवारों के बीच हिंसक वारदात नहीं हो. हम हिंसा नहीं कानून में विश्वास करते हैं. किसी से कोई पर्सनल लड़ाई नहीं है. जो क्राइम किया है उसे सजा मिले. एक व्यक्ति के गलत होने से पूरा परिवार खराब नहीं हो सकता है. पिता की हत्या शशि सिंह ने की है, इसलिए वह दुश्मन है. कानूनी लड़ाई से पिता के हत्यारे को सजा दिलवायेंगे. सात लोगों की गवाही हो चुकी है. पुलिस जांच व गवाहों के बयान से हत्या करने वाले शशि पर कानूनी शिकंजा कसा है.
राजनीति में आने के सवाल पर अजय ने कहा कि राजनीति में उनकी रुचि नहीं है. वह या परिवार के अन्य सदस्य राजनीति में नहीं आयेंगे. राजनीति उनलोगों के लिए उपयुक्त नहीं है. अजय ने कहा कि वह पारिवारिक लड़ाई में भरोसा नहीं रखते हैं. पिता की हत्या में शशि फरार है. गिरफ्तार करना पुलिस का काम है. शशि की गिरफ्तारी इंटरस्टेट के कारण नहीं हो पा रही है. एक राज्य की पुलिस को दूसरे राज्य में कार्रवाई करने के लिए संबंधित क्षेत्र की पुलिस के भरोसे रहना पड़ता है. पुलिस रामधीर व शशि की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई करेगी. वह कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. पुलिस से उनकी कोई शिकायत नहीं है. कानून से बढ़कर कोई नहीं है. कोर्ट व भगवान के पास के देर है, अंधेर नहीं है. मौके पर विनोद सिंह के भाई दून बहादुर सिंह, पुत्र अमृत सिंह, अमित सिंह के अलावा संबंधी संजय सिंह भी मौजूद थे.
रणविजय की चर्चा पर नो कमेंट : प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों ने अजय से पूछा कि मौके पर रणविजय सिंह मौजूद नहीं है. अजय ने कहा कि उन्हीं से पूछ लीजिए. वह कहां हैं, मालूम नहीं.
मैंशन से जान को खतरा : दून बहादुर
सूचक दून बहादुर सिंह ने कहा कि सुरेश बाबू कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे जिसे अजय बाबू ने अंजाम तक पहुंचाया. सुरेश बाबू व अजय नहीं होते तो लड़ाई अंजामतक नहीं पहुंचती. हमारे दो भाई व एक बहनोई की हत्या कर परिवार को बरबाद कर दिया गया. सजा मिली है. भगवान देख रहे हैं, उसे भी भगवान बरबाद करेंगे. मैंशन से उन्हें जान का खतरा है. मैंशन के लोगों का नेचर ऑफ जॉब तो मर्डर ही है. वे लोग कुछ भी करा सकते हैं. विनोद के हत्यारों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहे सकलदेव भइया फिर बहनोई सुरेश बाबू की हत्या कर दी गयी. वर्ष 2004 में बरटांड़ में सुरेश बाबू पर बमबाजी हुई थी. बीपी गाड़ी में होने के कारण जान बची थी.
कोर्ट के फैसले से संतुष्ट : अमृत
विनोद सिंह के पुत्र अमृत सिंह ने कहा है कि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद पिता के हत्यारे को सजा मिली है. उम्र कैद की सजा के बदले फांसी होती तो अच्छा था. कोर्ट का फैसला स्वीकार है.
सच्चई की जीत हुई : रणविजय
धनबाद. विनोद सिंह के भतीजे स्व. सकलदेव सिंह के पुत्र रणविजय सिंह ने कहा कि सच्चई की जीत हुई. इस कांड के गवाहों को कोर्ट तक पहुंचाने के लिए उन्होंने एवं सुरेश सिंह ने काफी मेहनत की थी. मामले को अंजाम तक पहुंचा कर खुशी हुई है. भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं. यह एक बार फिर साबित हो गया. पूरे कोयलांचल में संदेश जायेगा. हत्या की राजनीति करने वालों के लिए फैसला करारा चोट है.

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