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प्रभात खबर की मुहिम का असर : 13 सितंबर 2013 को प्रभात खबर में छपी खबर के बाद शुरू हुई थी जांच

उपायुक्त ने दिया जोड़ापोखर पैक्स के मैनेजर सहित 55 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश धनबाद/धनसार : 19 महीने पूर्व यानी 12 सितंबर, 2013 से प्रभात खबर की ओर से जारी मुहिम अंतत: शुक्रवार को अंजाम तक पहुंची. रिंग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा भुगतान में हुए घोटाला के मामले में […]

उपायुक्त ने दिया जोड़ापोखर पैक्स के मैनेजर सहित 55 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश
धनबाद/धनसार : 19 महीने पूर्व यानी 12 सितंबर, 2013 से प्रभात खबर की ओर से जारी मुहिम अंतत: शुक्रवार को अंजाम तक पहुंची. रिंग रोड के लिए भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा भुगतान में हुए घोटाला के मामले में देवराज मुमरू ने शुक्रवार को धनसार थाना में पहली प्राथमिकी दर्ज करायी.
इसमें गजुआटांड़ निवासी विपिन साह को अभियुक्त बनाया गया है. इधर, उपायुक्त केएन झा ने घोटाला में जोड़ापोखर पैक्स के मैनेजर सहित 55 लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है. डीसी ने जिला भू-अजर्न पदाधिकारी नारायण विज्ञान प्रभाकर को घोटाला में प्रथम दृष्टया जिनकी भूमिका संदिग्ध पायी गयी है, के खिलाफ संबंधित थाना में मुकदमा दर्ज कराने को कहा है.
डीसी के निर्देश पर पीड़ितों को खोजते रहे सीओ : इस मामले को लेकर धनबाद से लेकर रांची तक खलबली मची हुई है. सूत्रों ने बताया कि रांची से इस मामले में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. इसके बाद डीसी कृपानंद झा ने सीओ को पीड़ितों को लाने का निर्देश दिया.
बताते हैं कि शुक्रवार अलसुबह सीओ दिनेश रंजन दुआटांड़ पहुंचे. कुछ लोग काम पर चले गये थे. कुछ लोग शिकायतकर्ता के साथ आने की बात कही. देवराज मुमरू को लेकर सीओ डीसी के यहां पहुंचे और वहां उसका बयान डीसी ने भी सुना. उन्होंने सीओ को पीड़ित व्यक्ति से प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा. इसके बाद सीओ मुमरू को लेकर धनसार थाना पहुंचे प्राथमिकी दर्ज करायी.
जांच के लिए बन चुकी हैं कुल छह कमेटियां
मुआवजा घोटाला की जांच को लेकर अब तक कुल छह कमेटियां बन चुकी हैं. पूर्व डीसी प्रशांत कुमार ने 14.9.2013 को तत्कालीन अपर समाहर्ता (आपूर्ति) अशोक सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनायी. उन्होंने जांच रिपोर्ट 22.01.2014 को सौंप दी. उनके साथ अपर समाहर्ता बीके राय, बलियापुर और धनबाद के सीओ सदस्य थे. इसके तुरंत बाद श्री सिंह का स्थानांतरण हो गया. डीसी ने जिला बंदोबस्त पदाधिकारी नरेश प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में दूसरी टीम 31.12.2014 को बनायी. इस कमेटी ने 31 दिसंबर को रिपोर्ट सौंप दी. दोनों रिपोर्ट में गड़बड़ी की बात सामने आयी.
इसी बीच डीसी ने 06.01.2015 को एक साथ तीन कमेटी बनायी. सभी को 22 फरवरी तक रिपोर्ट के साथ बैठक में आने को कहा. इस दौरान श्री कुमार का स्थानांतरण हो गया. तब पीड़ित नये उपायुक्त कृपा नंद झा से 15 मार्च, 2015 को मिले. नये डीसी के आदेश पर सभी पदाधिकारियों ने रिपोर्ट सौंपी, जिसमें बड़े पैमाने पर मुआवजा घोटाला की बात सामने आयी है.

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