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एलबी सिंह की अग्रिम जमानत खारिज

कुस्तौर क्षेत्र ठेका घोटाला धनबाद : बीसीसीएल के कुस्तौर ठेका घोटाला मामले में अरबपति ठेकेदार आरोपी एलबी सिंह की ओर से दायर अग्रिम जमानत अर्जी पर सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दी. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता शाहनवाज ने बहस की थी. सीबीआइ […]

कुस्तौर क्षेत्र ठेका घोटाला
धनबाद : बीसीसीएल के कुस्तौर ठेका घोटाला मामले में अरबपति ठेकेदार आरोपी एलबी सिंह की ओर से दायर अग्रिम जमानत अर्जी पर सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश सचींद्र कुमार पांडेय की अदालत ने अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दी.
बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता शाहनवाज ने बहस की थी. सीबीआइ की धनबाद शाखा ने 31 जनवरी 13 को इस मामले का खुलासा करते हुए आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
आरोप है कि वर्ष 2013 में कुस्तौर एरिया के बीसीसीएल अफसरों ने एक ही दिन में मेसर्स डीके सिंह नामक फॉर्म को 16 कार्यों का टेंडर दिया था. कुंभनाथ सिंह ने इस फॉर्म को बिना कार्य किये ही सभी काम के एवज में एक अप्रैल 2011 को 16 ठेके के माध्यम से एक करोड़ 23 लाख 13 हजार 354 रुपये का भुगतान ले लिया. चेकों का भुगतान बैंक ऑफ इंडिया ऐना शाखा से लिया गया.
आरोप यह भी है कि संबंधित बैंक खाता में कुंभनाथ सिंह को पहचानकर्ता के रूप में कागजात पर एलबी सिंह ने अपना हस्ताक्षर किया था. आयकर विभाग ने वर्ष 2011 के 23 नवंबर को छापेमारी कर बैंक ऑफ इंडिया ऐना शाखा से एलबी एंड फैमिली के खाते से 100 करोड़ रुपये की बरामदगी की थी.
सीबीआइ ने एलबी सिंह, कुंभनाथ सिंह के अलावा कुस्तौर एरिया के तत्कालीन सीजीएम एके सेनगुप्ता, तत्कालीन जीएम एसपी सिंह, तत्कालीन एजीएम ज्योतिष चंद्र, चीफ मैनेजर (पीपी) प्रमोद प्रसाद गुप्ता, तत्कालीन डिप्टी चीफ इंजीनियर विजय कुमार ठाकुर, तत्कालीन फाइनेंस मैनेजर देव कुमार घोष, सीनियर इंजीनियर सिविल दिनेश कुमार सिंह, असिस्टेंट इंजीनियर विमल प्रसाद, असिस्टेंट फाइनेंस मैनेजर उमाशंकर कंधवे, एकाउंट असिस्टेंट भोलानाथ चौधरी व कैशियर बिकाउ के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित कर दिया था.
सड़क जाम मामले में फूलचंद समेत सभी आरोपी रिहा
गोविंदपुर के रवि भगत का अपहरण कर उसकी हत्या के विरोध में अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर किये गये सड़क जाम मामले में शुक्रवार को एडीजे सप्तम एनके सिन्हा की अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी सिंदरी के भाजपा विधायक फूलचंद मंडल, बोकारो के पूर्व विधायक समरेश सिंह, बद्री प्रसाद सिंह, मिथिलेश प्रसाद, बलराम साव, हेमंत भगत, दामोदर सिंह चौधरी, दिनेश मंडल, सपन भगत, सुभाष भगत, अमरदीप सिंह, बाबू भगत, दिलीप सिंह, बेंगा साव, राजू राय, पंकज चौरसिया समेत सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. घटना एक अक्तूबर 99 की है.
डकैती में एक को तीन साल की सजा
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश दशम एसएस दुबे की अदालत ने शुक्रवार को डकैती के एक मामले में जेल में बंद बिंदेश्वरी रवानी को भादवि की धारा 395 में तीन वर्ष की कैद की सजा सुनायी. लेकिन, सजायाफ्ता को तीन वर्षो तक जेल में बंद रहने के कारण अदालत ने उसे रिहा कर दिया. 26 मार्च 2012 की रात 2:30 बजे डकैत भूली डी ब्लॉक निवासी सीताराम सिंह यादव के घर में घुस गये. उस वक्त गृह स्वामी व उनकी पत्नी घर से बाहर गये हुए थे.
उनकी बेटी अनिता व सुनीता सोयी हुई थी. डकैतों ने दोनों बहनों को चाकू का भय दिखा कर 50 हजार के जेवरात लूट लिये. अनिता ने भूली ओपी में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. अभियोजन की ओर से एपीपी अरुण कुमार झा ने सात गवाहों का परीक्षण कराया था. यह मामला धनबाद (भूली) थाना कांड संख्या 297/12 से संबंधित है.

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