उन्होने एकजुट होकर समाजिक सुरक्षा के लिए सरकार पर दबाव बनाने का आह्वान किया. मुख्य वक्ता सह बीएमएस के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री बी सुरेंद्रन ने कहा कि मजदूर एकता को तोड़ने के लिए पूंजीपति और सरकार मिल कर अभियान चला रहे हैं. अब हर कंपनी में मानव संसाधन विभाग बन रहा है, जो मानव विकास के बजाय यूनियनों को तोड़ने का काम कर रहा है. श्रमिक नेताओं को प्रबंधन भ्रष्ट बना रहा है. ऐसे में ईमानदार बने रहना एक चुनौती का काम है. समान काम का समान वेतन नहीं देना अपराध है.
आज स्थायी मजदूरों को अस्थायी मजूदरों के लिए लड़ना पड़ेगा. मोदी सरकार से काफी अपेक्षाएं थीं. काफी सपने दिखाये गये. लेकिन गलत मजदूर नीति बना कर सरकार ने मजदूरों के पेट पर ही लात मारने का काम किया. क्या देश सिर्फ कॉरपोरेट से ही चलेगा. सरकार हमें समर्थन करे, हम सरकार को समर्थन करेंगे. अगर सरकार हमे कुचलना चाहेगी तो हम सरकार गिरा देगें.
झारखंड सरकार को राज्य से पलायन रोकने के लिए कुछ करना चाहिए. अध्यक्षता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष जय नारायण शर्मा ने कहा कि अच्छे दिन की तो बात छोड़िए, मजदूरों को मिलने वाली सुविधाओं को ही सरकार खत्म करने पर तुली हुई है. पूंजीपतियो के पक्ष में श्रम कानून बनाये जा रहे हैं. स्वागत भाषण स्वागताध्यक्ष आरपी मिश्र ने दिया. संचालन प्रदेश महामंत्री पीएन ओझा ने किया. इस मौके पर आरएसएस के समन्वय प्रभारी एनएल कर्ण, राष्ट्रीय निर्माण संघ के महामंत्री आदित्य साहु, बिंदेश्वरी प्रसाद, केपी गुप्ता, महेंद्र सिंह, गोरा चंद्र चटर्जी, ओम कुमार सिंह, ललन मिश्र, रमेश चौबे, हरि लाल साव, गोपाल प्रसाद समेत पांच सौ प्रतिनिधि उपस्थित थे.