धनबाद: जिले के अंचलों में जमीन की लगान रसीद नहीं कटने के कारण रैयतों को काफी परेशानी हो रही है. रसीद कटाने के लिए वे हलका कर्मचारी से ले कर अंचलाधिकारी (सीओ) तक के पास पैरवी लगा रहे हैं. दलालों का सहारा ले रहे हैं. कुछ लोगों का पैसा भी फंस गया है. कुछ स्थानों पर हलका कर्मचारी मोटी रकम ले कर पुराने रसीद बुक से रसीद काट रहे हैं. हालांकि आधिकारिक रूप से सभी अंचलों में लगान वसूली अभी बंद है. बताया जाता है कि राज्य सरकार की ओर से जिला को लगान रसीद भेजने के लिए कई बार पत्र भेजा गया. लेकिन अब तक आपूर्ति नहीं की गयी है.
नक्शा तक नहीं हो रहा पास
लगान रसीद अप-टू-डेट नहीं रहने से रैयतों को काफी परेशानी हो रही है. जमीन बेचने को इच्छुक रैयत को बार-बार अंचल कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. दूसरा माडा मकान या अपार्टमेंट का नक्शा पास करने के लिए भी अप-टू-डेट लगान रसीद की मांग करता है. जमीन के एवज में बैंक से लोन के लिए भी अप-टू-डेट लगान रसीद की जरूरत होती है.
हलका कर्मचारी के जिम्मे सीआइ का काम
जिले के नौ अंचलों में सात में अंचल निरीक्षक (सीआइ) का पद खाली है. इन सभी सीआइ को प्रोन्नति दे कर सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी (एएसओ) बना दिया गया है. केवल निरसा एवं बलियापुर में स्थायी सीआइ पदस्थापित हैं. बाकी अंचलों में हलका कर्मचारी को सीआइ का प्रभार दे कर काम कराया जा रहा है.