दोपहर 12 बजे से पहले स्कूल में उपस्थित छात्रों की संख्या कक्षा वार एसएमएस से भेजा जाता है. जिला मुख्यालय में इस रिकॉर्ड को रखा जाता है. झरिया में यह योजना सफल होने के बाद जिले के अन्य अंचलों में इस योजना को लागू करनी थी. इसके लिए हर अंचल के स्कूलों तथा उसमें पढ़ रहे बच्चों का डाटा बेस तैयार किया जा चुका है. लेकिन, केवल बलियापुर अंचल में ही यह योजना शुरू हो पायी. शेष अंचलों में यह योजना अब तक शुरू नहीं हो पायी है. इस योजना के लिए धनबाद जिले को वर्ष 2014 में इ-निगरानी सिस्टम केटेगरी में नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है.
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एसएमएस बेस्ड मॉनीटरिंग अभियान पड़ा सुस्त
धनबाद. मिड डे मिल पर नजर रखने के लिए धनबाद में लगभग दो वर्ष पूर्व शुरू एसएमएस बेस्ड मॉनीटरिंग अभियान धीरे-धीरे सुस्त पड़ता जा रहा है. अब तक यह अभियान केवल दो अंचलों तक ही सिमट कर रह गया है. क्या है योजना : धनबाद के तत्कालीन उपायुक्त प्रशांत कुमार ने मिड डे मिल में […]
धनबाद. मिड डे मिल पर नजर रखने के लिए धनबाद में लगभग दो वर्ष पूर्व शुरू एसएमएस बेस्ड मॉनीटरिंग अभियान धीरे-धीरे सुस्त पड़ता जा रहा है. अब तक यह अभियान केवल दो अंचलों तक ही सिमट कर रह गया है.
क्या है योजना : धनबाद के तत्कालीन उपायुक्त प्रशांत कुमार ने मिड डे मिल में गड़बड़ी रोकने के लिए एसएमएस से निगरानी की योजना शुरू करायी थी. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में झरिया अंचल का चयन हुआ. झरिया अंचल के सभी सरकारी स्कूलों का डाटा बेस तैयार किया गया. इसे एनआइसी के जरिये नेट से जोड़ा गया. किस स्कूल में कितने छात्र हैं तथा कितने शिक्षक, उसकी इंट्री हुई. सभी शिक्षकों का मोबाइल नंबर रजिस्टर किया गया.
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