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पानी के लिए लगी आग
माडा द्वारा जलापूर्ति पानी का नल, कुआं, तालाब, चापानल से लेकर हलक तक सूख चुके हैं. पानी के लिए पूरे कतरास कोयलांचल में आग लगी हुई है. भाजपा के सांसद, भाजपा के विधायक और सूबे में भाजपा की सरकार, बावजूद इसके पानी का ऐसा संकट. गंभीर जलसंकट ने शुक्रवार को भाजपा के सहयोगी संगठन बजरंग […]
माडा द्वारा जलापूर्ति पानी का नल, कुआं, तालाब, चापानल से लेकर हलक तक सूख चुके हैं. पानी के लिए पूरे कतरास कोयलांचल में आग लगी हुई है. भाजपा के सांसद, भाजपा के विधायक और सूबे में भाजपा की सरकार, बावजूद इसके पानी का ऐसा संकट. गंभीर जलसंकट ने शुक्रवार को भाजपा के सहयोगी संगठन बजरंग दल तक को आंदोलन के लिए मजबूर कर दिया. कतरास के वाशिंदों की भरोसे भारी नजर शनिवार को उपायुक्त के यहां होनेवाली बैठक पर है.
सोमवार को माडा ने पानी दिया. इसके बाद हफ्ते में एक दिन पानी चलाने की घोषणा की. इस बीच चार दिन बीत गये. शुक्रवार तक जितने भी लोगों ने पानी स्टॉक किया था, वह खत्म हो गया है. अब लोग सात रुपये में 15 लीटर के गैलेन का पानी खरीदने को विवश हो गये हैं, वह भी खाद का पिट वाटर. इधर, शहर के लोग 40 रुपये में मिनरल वाटर खरीद कर पी रहे हैं. हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि सुबह से कतरास कोयलांचल के लोग पानी के लिए भटकते नजर आ रहे हैं.
बच्चे पढ़ाई छोड़ कर छोटे-छोटे साईकिलों से खाद का पानी ढोते दिख रहे हैं. कतरास के वाशिंदे चैतुडीह 2 नंबर पिट, गुहीबांध बस स्टैंड, जमुनिया जलापूर्ति के स्टैंड से गैलेन में पानी ढ़ो-ढ़ो कर ला रहे हैं. लोग कहते हैं कि ऐसी परेशानी पिछले 50 वर्षो में नहीं रही. सरकार तंत्र खामोश और प्रशासन तमाशाबीन है. ऐसे में जायें, तो जाये कहां?
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