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पांच साल का बच्चा, सात सेर का बोझ
रवि मिश्र धनबाद : भारी स्कूल बैग को लेकर हर शिक्षण सत्र के पहले स्कूलों को निर्देश दिये जाते हैं. स्कूल बैग का वजन कितना हो, इसकी भी जानकारी सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड के तमाम स्कूलों को दी गयी है, लेकिन इसके बावजूद कोई भी स्कूल इसको लेकर अवेयर नहीं हैं. भारी बस्ता को लेकर […]
रवि मिश्र
धनबाद : भारी स्कूल बैग को लेकर हर शिक्षण सत्र के पहले स्कूलों को निर्देश दिये जाते हैं. स्कूल बैग का वजन कितना हो, इसकी भी जानकारी सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड के तमाम स्कूलों को दी गयी है, लेकिन इसके बावजूद कोई भी स्कूल इसको लेकर अवेयर नहीं हैं. भारी बस्ता को लेकर अधिकांश स्कूलों में अनदेखी की जा रही है.
मानव संसाधन विभाग द्वारा सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड को एक लेटर लिखा गया है. इसमें स्कूल को भारी बस्ता को लेकर अवेयर करने को कहा गया है. अब सीबीएसइ और आइसीएसइ बोर्ड की ओर से तमाम स्कूलों को नये सत्र में भारी स्कूल बैग संबंधी नियम को फॉलो करने का निर्देश जारी किया गया है. सूत्रों के अनुसार भारी बस्ता को लेकर सीबीएसइ की ओर से कई साल पहले ही स्कूलों को कई डायरेक्शन दिये गये थे, लेकिन स्कूल इस तरफ अवेयर नहीं हैं. छोटे क्लास में भी सात से आठ किताबें चलायी जाती है. अभिभावकों की शिकायत पर सीबीएसइ ने बच्चों के लिए यह कदम उठाया है.
बोर्ड की ओर से जारी किये गये निर्देश
पहला डायरेक्शन : इस निर्देश को 2004 में दिया गया था. डायरेक्शन नंबर 31/2004 के अनुसार नर्सरी से क्लास दो तक के बच्चे किसी भी तरह के स्कूल बैग के साथ स्कूल नहीं आयेंगे. बच्चों की पढ़ाई से संबंधित जो भी चीजें होंगी, वे स्कूल के पास रखी जायेंगी. हर बच्चों को एक लॉकर दिया जायेगा.
दूसरा डायरेक्शन : इस निर्देश के तहत स्कूलों में क्लास वन से आठवीं तक कम से कम किताबें चलाने को कहा गया था . जिन किताबों की बेहद जरूरत हो, उन्हीं किताबों को क्लास वन से आठवीं तक के स्टूडेंट्स के कोर्स में शामिल किया जाये. कम से कम किताबें देने का डायरेक्शन दिया गया था.
तीसरा डायरेक्शन : इसके अंतर्गत स्कूल बैग के अंदर वाटर बोतल और टिफिन नहीं रखा जायेगा. डायरेक्शन नंबर 8/2007 के अनुसार लंच बाक्स को स्कूल बैग के बाहर रखने की शुरुआत की जाये. दक्षिण भारत के स्कूलों में यह निर्देश फॉलो किया जाता है. बैग में एक लंच बॉक्स बैग स्टूडेंट्स को रखना होता है.
बस्ते में किताबों के साथ कई चीजें
हर स्कूलों में बड़े-बड़े बैग का इस्तेमाल बच्चे करते हैं. इसके लिए एक तो स्कूल प्रबंधन जिम्मेवार हैं, दूसरी ओर अभिभावक भी बच्चों को बड़े बैग देना ही पसंद करते हैं. बड़ा बैग होने से एक ही बैग में बच्चे के बड़े टिफिन, वाटर बोतल, 10 से 12 किताबें व कापियां आदि डाल दी जाती हैं. किताबों के अलावा नोट बुक, टिफिन और पानी का वजन भी बच्चों को उठाना पड़ता है. सीबीएसइ ने निर्देश दिया है कि छोटे बच्चों के लिए लंच की व्यवस्था स्कूल की ओर से ही होना चाहिए.सीबीएसइ के एक सर्वे के अनुसार क्लास थ्री का एक बच्च सात किलो तक का अपने बैग का वजन उठाता है. जबकि क्लास आठवीं के बच्चे 13 किलो वजन उठाते है.
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