धनबाद: पुलिस कप्तान राकेश बंसल ने आठ ओपी व थाना प्रभारियों समेत जिले के 171 दारोगा व जमादारों का वेतन रोक दिया है. इन पुलिस अधिकारियों को मार्च का वेतन नहीं मिलेगा. इन पर कांडों का कागजी डिस्पोजल (पॉकेट डिस्पोजल) करने का आरोप है. यानी कागज में कांडों का डिस्पोजल कर दिया, लेकिन पुलिस कार्यालय […]
धनबाद: पुलिस कप्तान राकेश बंसल ने आठ ओपी व थाना प्रभारियों समेत जिले के 171 दारोगा व जमादारों का वेतन रोक दिया है. इन पुलिस अधिकारियों को मार्च का वेतन नहीं मिलेगा. इन पर कांडों का कागजी डिस्पोजल (पॉकेट डिस्पोजल) करने का आरोप है. यानी कागज में कांडों का डिस्पोजल कर दिया, लेकिन पुलिस कार्यालय व कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट (अंतिम प्रपत्र) नहीं भेजा गया. जिले के 50 थाना व ओपी के सभी 313 केस फरवरी माह के हैं.
कोर्ट से मिलान के दौरान पाया है कि महिला थाना, सोनारडीह व खरखरी ओपी को छोड़ जिले के सभी ओपी व थानों में दर्ज कुल 313 केस के अनुसंधानकर्ताओं ने कांडों को कागजी डिस्पोजल दिखाया है. फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में समर्पित नहीं होने से केस पेडिंग है.
समीक्षा के दौरान एसपी ने अनुसंधानकर्ताओं की यह गड़बड़ी पकड़ी है. धनबाद थाना में 13, बैंक मोड़ में पांच, धनसार में छह, सरायढेला में तीन, भूली में छह केस कागजी डिस्पोजल हैं.
इनका वेतन रुका : गोविंदपुर थानेदार शैलेंद्र सिंह, भूली ओपी प्रभारी प्रदीप कुमार चौधरी, लोयाबाद थानेदार संदीप रंजन, भौंरा ओपी प्रभारी शंकर उरांव, पाथरडीह थानेदार विद्यासागर पासवान, घनुडीह व गोंदुडीह ओपी प्रभारी का वेतन रोका गया है. धनबाद थाना के आठ, बैंक मोड़ थाना के पांच, भूली ओपी के तीन, धनसार के पांच व सरायढेला थाना के तीन अफसरों का वेतन रोक दिया गया है. एसपी ने अनुसंधानकर्ताओं को निर्देश दिया है कि एक माह के अंदर संबंधित कांडों का फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में समर्पित करें. ऐसा नहीं होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी.