आयकर की दृष्टिकोण से अति महत्वपूर्ण धनबाद चार्ज में आयकर आयुक्त (प्रशासन) का पद पिछले दो वर्षो से रिक्त है. कभी पटना तो कभी रांची के आयुक्त को यहां का अतिरिक्त प्रभार दिया जाता है. फिलहाल हजारीबाग के आयुक्त यहां के अतिरिक्त प्रभार में हैं. इसी तरह धनबाद के आयकर आयुक्त (अपील) का अतिरिक्त प्रभार रांची के आयकर आयुक्त (अपील) संभाल रहे हैं. धनबाद चार्ज में तीन रेंज हैं. तीनों रेंज का प्रभार अपर या संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी के पास होता है. फिलहाल यहां केवल एक संयुक्त आयुक्त हैं जो धनबाद, बोकारो, गिरिडीह के अलावा पूरे संताल परगना प्रमंडल के सभी जिलों का काम देख रहे हैं.
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झारखंड-बिहार नहीं आना चाहते आयकर अधिकारी
धनबाद: बिहार, झारखंड में आयकर विभाग के कई महत्वपूर्ण पद प्रभार में चल रहे हैं. वरीय अधिकारी इन राज्यों में पोस्टिंग से बचना चाहते हैं. यहां मुख्य आयकर आयुक्त, आयकर आयुक्त, संयुक्त एवं अपर आयकर आयुक्त के कई पद रिक्त हैं. धनबाद में आयुक्त के दो तथा संयुक्त आयुक्त के दो पद रिक्त हैं. बिहार, […]
धनबाद: बिहार, झारखंड में आयकर विभाग के कई महत्वपूर्ण पद प्रभार में चल रहे हैं. वरीय अधिकारी इन राज्यों में पोस्टिंग से बचना चाहते हैं. यहां मुख्य आयकर आयुक्त, आयकर आयुक्त, संयुक्त एवं अपर आयकर आयुक्त के कई पद रिक्त हैं. धनबाद में आयुक्त के दो तथा संयुक्त आयुक्त के दो पद रिक्त हैं.
बिहार, झारखंड में मुख्य आयकर आयुक्त स्तर के तीन पद हैं. अरसे से तीनों पदों का प्रभार एक ही अधिकारी संभाल रहे हैं. फिलहाल, एसटी अहमद मुख्य आयकर आयुक्त पटना, रांची के अलावा निदेशक (अन्वेषण) बिहार, झारखंड के प्रभार में हैं. झारखंड में आयकर आयुक्त के आठ पद हैं, जिसके विरुद्ध पांच अधिकारी ही पदस्थापित हैं. अभी हजारीबाग के आयुक्त ए खलको के पास धनबाद के आयकर आयुक्त (प्रशासन) के अलावा हजारीबाग में विभाग के क्षेत्रीय ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के निदेशक का अतिरिक्त प्रभार भी है. बिहार में भी पटना, मुजफ्फरपुर के आयकर आयुक्त का प्रभार एक ही अधिकारी संभाल रहे हैं.
मेट्रो या बड़े शहर पहली पसंद
सूत्रों के अनुसार मुख्य, आयुक्त या संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी काफी सीनियर हो जाते हैं. बिहार, झारखंड के पटना, रांची चार्ज को छोड़ दिया जाये तो अन्य चार्ज में बहुत सारी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है. मसलन धनबाद में न तो एयर सर्विस है और न ही कोई अच्छे उच्च शैक्षणिक संस्थान. आयुक्त स्तर पर पहुंच चुके अधिकारी चाहते हैं कि मेट्रो या कोई बड़े शहर में रहें जहां बच्चों के लिए अच्छे शिक्षण संस्थानों के अलावा अच्छे अस्पताल सहित अन्य सुविधाएं हों.
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