धनबाद: सिविल कोर्ट धनबाद में शनिवार को रांची बीएनआर होटल से झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश टीएस ठाकुर और मुख्यमंत्री रघुवर दास ने धनबाद, बोकारो व जमशेदपुर में ई कोर्ट का ऑन लाइन उद्घाटन किया. यहां मौके पर प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुजनाथ, कुटुंब न्यायाधीश प्रभाष कुमार […]
धनबाद: सिविल कोर्ट धनबाद में शनिवार को रांची बीएनआर होटल से झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश टीएस ठाकुर और मुख्यमंत्री रघुवर दास ने धनबाद, बोकारो व जमशेदपुर में ई कोर्ट का ऑन लाइन उद्घाटन किया. यहां मौके पर प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अंबुजनाथ, कुटुंब न्यायाधीश प्रभाष कुमार सिंह, उपायुक्त कृपानंद झा, निबंधक बीके लाल, डालसा सचिव अनिल कुमार पांडेय समेत दर्जनों न्यायिक पदाधिकारी मौजूद थे. दो ई कोर्ट के उद्घाटन के बाद वादों की सुनवाई शुरू हो गयी.
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सप्तम निकेश कुमार सिन्हा ने एक हत्या के मामले में सुनवाई करते हुए साक्षी एसडीजेएम चतरा विजय कुमार श्रीवास्तव का बयान दो मामलों में दर्ज किया. जब श्री श्रीवास्तव धनबाद में जेएम के पद पर कार्यरत थे, तब उन्होंने दो अप्रैल 04 को सोहनी देवी नामक साक्षी का बयान दंप्रसं की धारा 164 के तहत कलमबद्ध किया था. बाघमारा थाना क्षेत्र में गोकुल महतो की हत्या राजू महतो ने कर दी थी.
मृतक की पत्नी डोमनी देवी ने बाघमारा थाना में कांड संख्या 54/04 दर्ज कराया था. यह मामला एसटी केस नंबर 404/04 से संबंधित है. वहीं एक दूसरे मामले में श्री श्रीवास्तव की मौजूदगी में सूचक रंजीत कुमार ने आरोपी ब्रजेश सिंह की पहचान मंडल कारा धनबाद में 16 अक्तूबर 06 को की थी. यह मामला एसटी 294/07 से संबंधित है. इस मामले की सुनवाई ई कोर्ट में एडीजे आठ डीके पाठक ने की. तीसरा मामला शादी की नीयत से नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म का था. इस मामले में सीजेएम पाकुड़ साक्षी पीएन उपाध्याय ने अपनी गवाही दी. उन्होंने पीड़िता का 164 का बयान दर्ज किया था.
दहेज प्रताड़ना में पति को दो वर्ष की सजा
अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी डीके मिश्र की अदालत ने शनिवार को दहेज प्रताड़ना के एक मामले में ग्रेवाल कालोनी धनबाद निवासी पति प्रेम कुमार को भादवि की धारा 498(ए) में दोषी पाकर दो वर्ष की कैद की सजा सुनाई . वहीं साक्ष्य के अभाव में ससुर एसएन सिंह को रिहा कर दिया. नमिता राय की शादी प्रेम कुमार के साथ 1993 में हुई थी. शादी के बाद ससुराल वाले 50 हजार रुपये की मांग दहेज में करने लगे. नमिता के मायके वालों ने जब इनकार कर दिया तो नमिता के पति व ससुर ने प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया. यह मामला धनबाद थाना कांड संख्या 337/93 से संबंधित है.