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कब दूर होगी धनबाद आइटीआइ के छात्रावास की बदहाली
धनबाद: सरकारी आइटीआइ धनबाद का छात्रावास जानवरों के रहने के लायक भी नहीं है, फिर भी इसमें रहने को मजबूर हैं संस्थान के करीब 60 छात्र. छात्रावास की नारकीय स्थिति के खिलाफ छात्रों ने कई बार हंगामा मचाया. बात जिला प्रशासन तक भी पहुंची, लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ. किसकी जिम्मेवारी : नया […]
धनबाद: सरकारी आइटीआइ धनबाद का छात्रावास जानवरों के रहने के लायक भी नहीं है, फिर भी इसमें रहने को मजबूर हैं संस्थान के करीब 60 छात्र. छात्रावास की नारकीय स्थिति के खिलाफ छात्रों ने कई बार हंगामा मचाया. बात जिला प्रशासन तक भी पहुंची, लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ.
किसकी जिम्मेवारी : नया छात्रावास प्रभारीकी नियुक्ति अभी संस्थान से नहीं हुई है. पूर्व प्रभारी राकेश कुमार जिनका अब स्थानांतरण हो चुका है उनकी मानें तो यह जिम्मेवारी भवन प्रमंडल विभाग, धनबाद की है. संस्थान की शिकायत पर उसे व्यवस्था सुधारना है, लेकिन पिछले सात-आठ वर्षो से अब तक जजर्र छात्रावास में कोई मरम्मत कार्य नहीं हुआ. संस्थान प्रबंधन ने कई बार भवन प्रमंडल से लिखित शिकायत की, लेकिन कई फर्क नहीं पड़ा. विस चुनाव के समय उपायुक्त का घेराव तथा विरोध प्रदर्शन की प्रतिक्रिया में परिसर में मंगलवार को पेयजल के लिए भवन प्रमंडल विभाग की ओर से एक बोरिंग कराया गया.
क्या है हालत : तीन भवन के कुल 52 कमरों वाले छात्रावास में आधे से अधिक कमरे उपयोग विहीन हैं. जबकि अन्य कमरों में रह रहे छात्रों की संख्या करीब 60 है. कमरा बिल्कुल जजर्र है. छत का प्लास्टर फट गया है, जो किसी समय गिर कर जानलेवा साबित हो सकता है. एक भी शौचालय उपयोग के लायक नहीं. क्षतिग्रस्त वायरिंग सीपेज वाले दीवार पर खतरा मंडराता है. खिड़की-दरवाजा भी जीर्ण-शीर्ण स्थिति में है.
केवल गरीब बच्चे रहते हैं यहां : यहां रहने वाले 90 प्रतिशत छात्र गरीब परिवार के हैं. इनके पास दोनों समय का भोजन का जुगाड़ करना ही मुश्किल काम है.
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