इससे पहले कांफ्रेंस हॉल में बवासीर पर कार्यशाला का उद्घाटन डॉ तिवारी ने किया. अधीक्षक डॉ के विश्वास ने बताया कि सामान्य तौर पर बवासीर को चार टाइप के होते हैं. टाइप वन व टू को दवा से ठीक किया जा सकता है, लेकिन कुछ डॉक्टर ऑपरेशन कर देते हैं, जो ठीक नहीं है.
टाइप थ्री और फोर में ऑपरेशन जरूरी हो जाता है. इसके लिए स्टेपलर विधि काफी सरल है. इसमें दर्द नहीं होता है. साथ ही मरीज जल्द स्वस्थ हो जाता है. मौके पर सजर्री विभागाध्यक्ष डॉ डीपी भदानी, डॉ राजेश कुमार सिंह, डॉ संजय चौरसिया, डॉ अनिल कुमार, डॉ रूबेन हेंब्रम आदि मौजूद थे.