वर्ष 2010- 11 में तत्कालीन जिला अभियंता भगवान सिंह के समय यह योजना ली गयी थी. योजना जब तैयार हुई तब भी कोर्ट का स्थगन आदेश था, बावजूद काम चालू रखा गया और ठेकेदार को भी पूरी राशि विवाह मंडप के मद में 19 लाख, 370 रुपये और पैगोड़ा के मद में 22 लाख, 78 हजार, दो सौ रुपये का भुगतान कर दिया गया. उक्त दोनों योजनाएं पूरी होने के बाद भी वहां के ठेकेदार ही उसे बुक करते हैं . इधर जिला परिषद ने जब 12 मार्च(गुरुवार) को उसकी नीलामी की तिथि तय की तो कतरास राज परिवार के चंद्रनाथ सिंह ने कोर्ट का आदेश दिखाया, तब जिला अभियंता संजीव कुमार ने उसकी नीलामी को स्थगित कर दिया.
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कोर्ट में मामला रहते बना दिया विवाह मंडप
धनबाद: जिला परिषद में ठेका संस्कृति के कारण लूट की छूट मची हुई है. कोर्ट में मामला रहते हुए भी कतरास स्थित लिलोरी स्थान में 42 लाख रुपये की लागत से विवाह मंडप और पैगोड़ा बना दिया गया. गुरुवार को इसकी नीलामी होनी थी, लेकिन जब कोर्ट का स्थगन आदेश (21 मार्च,2012) दिखाया गया तो […]
धनबाद: जिला परिषद में ठेका संस्कृति के कारण लूट की छूट मची हुई है. कोर्ट में मामला रहते हुए भी कतरास स्थित लिलोरी स्थान में 42 लाख रुपये की लागत से विवाह मंडप और पैगोड़ा बना दिया गया. गुरुवार को इसकी नीलामी होनी थी, लेकिन जब कोर्ट का स्थगन आदेश (21 मार्च,2012) दिखाया गया तो नीलामी रोक दी गयी.
राज परिवार का क्या है दावा: कतरासगढ़ के पूर्व राजा पूर्णेदू नारायण सिंह के पुत्र चंद्रनाथ सिंह ने जिला अभियंता को पत्र लिख कर कहा है कि विवाह मंडप एवं पैगोड़ा के संदर्भ में उच्च न्यायालय रांची में मामला चल रहा है. उन्होंने एमपीए संख्या 182/11 में दायर किये केस का हवाला देते हुए बताया कि इस मामले में 21 मार्च, 2012 को स्थगन आदेश (स्टेटस क्यूमेन्टेस)पारित हुआ है. उन्होंने कोर्ट के आदेश की प्रतिलिपि भी दी थी. इस आलोक में दोनों की नीलामी की प्रक्रिया भी जिला अभियंता ने रोक दी. उन्होंने पत्र की प्रतिलिपि डीसी, हाइकोर्ट एवं मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी को भी दी है.
पहले भी कई योजनाएं हो चुकी हैं रद्द: तत्कालीन जिला अभियंता भगवान सिंह के समय की कई योजनाएं पहले भी रद्द हो चुकी हैं. पहले आरइओ की बनायी गयी सड़क पर ही जिला परिषद की ओर से सड़क बनाने की निविदा निकाल दी गयी थी, जिसे बाद में डीडीसी ने रद्द कर दी थी. उस समय संशोधित करके फिर से टेंडर निकाला गया था. इसके बाद तोपचांची में भी एक विवाह मंडप के निर्माण के दौरान ही दरार पड़ जाने के कारण उसकी जांच करायी गयी. जिप सदस्य मन्नु तिवारी ने कमीशन लेने का आरोप लगाया था . उसके बाद उनकी जगह ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार को जिला परिषद का अतिरिक्त प्रभार मिला.
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