धनबाद: ‘ ए मुखिया मामा. ई असली पिस्टल बा, गोली लगी त जान जा सके ला.’ ‘ नकली के असली कह तारे, ई नकली पिस्तौल बा, एकरा से कुछो ना होई.’
भांजा ने मामा के सिर पर पिस्टल सटायी. बोला ‘ मामा, असली बा. मारम त लाग जाइ’ मामा फिर भी पिस्टल को असली मानने को तैयार नहीं थे. भांजा ने स्ट्रिगर दबा दी. गोली मामा के सिर में लगी. यह संवाद पुलिस फाइल में है. संजय सिंह हत्याकांड की तफ्तीश कर रही धनबाद पुलिस को अनुसंधान में इसका पता चला है. पहले हत्या का स्थान और कारण को लेकर रहस्य बना था. तरह-तरह की बातें कही जा रही थी.
गोली लगने के बाद संजय सिंह (53) को शहर के एक निजी अस्पताल में भरती कराया गया. स्थिति गंभीर देख दुर्गापुर मिशन हॉस्पिटल रेफर किया गया. लेकिन छह दिन बाद संजय सिंह की मौत हो गयी. पुलिस ने पहले धनबाद थाना में कांड संख्या 4882013 की धारा 307, 34 भादवि व 27 आर्म्स एक्ट के तहत अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया था. घटना छह जून 2013 को घटी थी.