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ब्लास्ट फर्नेस कोक के लिए उपयुक्त मुराईडीह का कोयला

धनबाद: बीसीसीएल की मुराईडीह कोलियरी के कोयले का बेहतर इस्तेमाल ब्लास्ट फर्नेस कोक के लिए हो सकता है. कोल इंडिया की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. कोल इंडिया ने मुराईडीह समेत चार अन्य खदानों के नमूने भी जांच के लिए भेजे थे. नॉन कोकिंग कोयले का भंडार है : मुराईडीह कोलियरी में नॉन […]

धनबाद: बीसीसीएल की मुराईडीह कोलियरी के कोयले का बेहतर इस्तेमाल ब्लास्ट फर्नेस कोक के लिए हो सकता है. कोल इंडिया की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. कोल इंडिया ने मुराईडीह समेत चार अन्य खदानों के नमूने भी जांच के लिए भेजे थे.

नॉन कोकिंग कोयले का भंडार है : मुराईडीह कोलियरी में नॉन कोकिंग कोयले का भंडार है. इसके अलावा कोल इंडिया की अन्य जो खदानें सूची बद्ध की गयी हैं उनमें झांझरा, सोनपुर बजारी(रानीगंज),नार्थ उरीमारी, गिद्दी(साउथ कर्णपुरा) शामिल हैं.

जांच कैसे की गयी : जांच के दौरान कोयले के नमूनों की स्केल वाशबिलिटी टेस्ट, कोल पेट्रोग्राफी व केमिकल एनालिसिस की गयी. जांच के नतीजों में पता चला- मुराईडीह का कोयला कोक निर्माण के लिए उपयुक्त है.

राज्य सभा में भी दी गयी जानकारी : सोमवार को कोयला राज्य मंत्री प्रतीक बापू पाटिल ने राज्य सभा में भी इस संबंध में जानकारी दी. उन्होंने बताया- कोयला की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी कई कदम उठाये जा रहे हैं. रिसोर्स सर्वे, कोयले की ग्रेडिंग के लिए अध्ययन शुरू किये गये हैं. उन्होंने कोल-टू-लिक्विड का भी जिक्र किया. मंत्री ने कहा- इससे संबंधित एक रिसर्च प्रोजेक्ट सिम्फर ने शुरू किया है. यह कोयला मंत्रलय की महत्वाकांक्षी योजना है. इससे प्राप्त होने वाला इंधन ऑटोमोबाइल तथा अन्य उद्योगों के काम आयेगा.

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