वार्ता के दौरान सहायक श्रम आयुक्त ने फैक्टरी प्रबंधन की ओर से भेजे गये जवाब से उन्हें अवगत कराया. जिस पर श्री सिन्हा ने कहा कि प्रबंधन के जवाब में कुछ भी नया नहीं है और यह संतोषजनक भी नहीं है. फैक्टरी प्रबंधन मजदूरों का अहित कर रहा है. इसके बावजूद संबंधित पदाधिकारी और जिला प्रशासन मूकदर्शक बने हुए हैं. मजदूरों की पीड़ा कोई नहीं सुन रहा है. श्री सिन्हा ने जिला प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि 450 मजदूर और उनके 2000 परिजन एक पूंजीपति के अहंकार की बलि चढ़ रहे हैं.
घटना के 40 दिन बीत जाने के बाद भी किसी ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. 19 जनवरी को उपायुक्त को भी इस मामले से अवगत कराते हुए एक ज्ञापन भी सौंपा गया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. वार्ता के दौरान सहायक श्रम आयुक्त राजेश प्रसाद ने कहा कि फैक्टरी प्रबंधन द्वारा दिये गये जवाब से संतुष्ट नहीं हूं. वहीं श्री प्रसाद ने जल्द फैक्टरी प्रबंधन पर कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज करने की बात कही है. मौके पर बशीर अंसारी, असलम, ललन प्रसाद, मधु राय, सुनील यादव, रोशन रवानी, दीपक सिंह , विश्वनाथ सान्याल आदि थे.