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महिला ने किया आत्मदाह का प्रयास
जेल में है पति, भूखे हैं बच्चे, किसी ने फरियाद नहीं सुनी धनबाद : अपने पति की रिहाई की मांग को लेकर केंदुआडीह थाना अंतर्गत कुसुंडा काली बस्ती निवासी भीम राम की पत्नी रजनवा देवी ने शुक्रवार को रणधीर वर्मा चौक पर आत्मदाह का प्रयास किया. आत्मदाह से पहले उसे पुलिस ने पकड़ लिया. उसका […]
जेल में है पति, भूखे हैं बच्चे, किसी ने फरियाद नहीं सुनी
धनबाद : अपने पति की रिहाई की मांग को लेकर केंदुआडीह थाना अंतर्गत कुसुंडा काली बस्ती निवासी भीम राम की पत्नी रजनवा देवी ने शुक्रवार को रणधीर वर्मा चौक पर आत्मदाह का प्रयास किया. आत्मदाह से पहले उसे पुलिस ने पकड़ लिया. उसका पति पिछले दो माह से अधिक दिनों से धनबाद जेल में बंद है.
महिला का कहना है कि उसके पति को केंदुआडीह पुलिस बेवजह जेल भेजा है. जिस कांड का उसे आरोपी बनाया गया है, उससे उसके पति का कोई मतलब नहीं है. दंडाधिकारी सह सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी सुनील कुमार तिवारी के आवेदन पर आत्महत्या के प्रयास का मामला महिला पर दर्ज किया गया. देर शाम धनबाद थाना से निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया.
तो पल भर में हो जाता बड़ा हादसा : जिला प्रशासन को पहले ही रजनवा देवी ने आत्मदाह का अल्टीमेटम दे रखा था. इसको लेकर जिला प्रशासन सतर्क था. धनबाद पुलिस, महिला पुलिस व एक दंडाधिकारी को रणधीर वर्मा चौक पर तैनात कर दिया गया था. सुबह साढ़े आठ बजे से ही पुलिस सभी तरफ फैली हुई थी. इसी बीच चौक के निकट हनुमान मंदिर की तरफ से तीन महिलाएं रणधीर वर्मा चौक की तरफ आ रही थी. एक महिला के हाथ में झोला था. चौक पर पहुंच कर उसने केरोसिन का डिब्बा निकाला और उसे अपने शरीर पर डाला. पुलिस ने तब-तक उसे देख लिया. वह माचिस निकाल कर जलाती कि महिला पुलिस ने उसे पकड़ लिया. इस पर रजनवा महिला पुलिस उलझ गयी और हाथापाई करने लगी. पुलिस ने किसी तरह उसे समझाया. महिला पुलिस उसे पकड़ कर धनबाद थाना लायी. दंडाधिकारी ने उसके खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करायी. पुलिस ने देर शाम निजी मुचलके पर रजनवां देवी को थाना से छोड़ दिया.
जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगा चुकी थी महिला
रजनवा देवी ने बताया कि वह पुलिस की कार्रवाई से परेशान थी. 15 दिसंबर 2014 को केंदुआडीह पुलिस ने उसके पति भीम राम को कांड संख्या 187/14 में आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. उस पर घंटू राम नामक व्यक्ति पर जान मारने की नीयत से गोली मारने का आरोप है. बताया कि उसके सात बच्चे हैं. वह खुद कोयला लोडिंग प्वाइंट में काम करती है. पति के जेल जाने के बाद उसे काम नहीं मिला. बच्चों को पेट भरने के लिए दर-दर की ठोकरें मिली. जिला प्रशासन को मामले की जांच के लिए आवेदन दिया, पर किसी ने फरियाद नहीं सुनी. ऐसे में जीवित रहने से अच्छा मर जाना है.
तोपचांची के शमीम ने दे दी थी जान
रणधीर वर्मा चौक पर पहले भी आत्मदाह की घटना घट चुकी है. तोपचांची बाजार निवासी शमीम खान (45) ने उसकी लेथ मशीन की दुकान में बिजली बिल सुधारने की मांग कई बार विभाग व प्रशासन से की थी. नहीं सुधरने पर अंतत: उसने रणधीर वर्मा चौक पर आकर 21 मार्च 2010 को आत्मदाह कर लिया.
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