धनबाद: स्तनपान से सिर्फ संवेदना का जुड़ाव ही नहीं होता, बल्कि स्तनपान करनेवाले बच्चे तंदुरुस्त रहते हैं. हमारे यहां तो यह परंपरा रही है. चिकित्सा विज्ञान ने भी यह साबित कर दिया है कि स्तनपान कराने से ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता. स्तनपान कुपोषण से बचाता है. हमारे देश में सबसे अधिक बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. सेविका, सहिया, सहायिका माताओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित करें. ये बातें उपायुक्त प्रशांत कुमार ने कही. मौका जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा टाउन हॉल में आयोजित विश्व स्तनपान सप्ताह समापन समारोह का था. वे बतौर मुख्य अतिथि समारोह को संबोधित कर रहे थे.
उपविकास आयुक्त दिनेश चंद्र मिश्र ने कहा हम उस देश के वासी हैं जहां मां अपने बच्चे को स्तनपान करा गौरवान्वित होती थीं. ऐसे कार्यक्रम की आवश्यकता नहीं थी. जिला समाज कल्याण पदाधिकारी बंधु फर्नाडीस ने कहा सभी प्रखंडों में विश्व स्तनपान दिवस पर कार्यक्रम कराया गया. माताओं को स्तनपान के लिए प्रेरित किया गया. मां का दूध नवजात का सर्वोत्तम आहार है. जिला कल्याण पदाधिकारी डीपी राव ने कहा कार्यक्रम का उद्देश्य है स्तनपान के प्रति माताओं में जागरूकता लाना. स्तनपान कराने से मां और बच्चे के बीच भावनात्मक संबंध प्रगाढ़ होते हैं.
जिला शिक्षा उपाधीक्षक मिथिलेश कुमार पांडे ने कहा स्तनपान न कराने से मां बच्चों के बीच दूरियां आ रही है. बहुत अफसोस की बात है स्तनपान कराने के लिए जागरूकता की जरूरत पड़ रही है. डॉ जीसी वर्मा ने कहा प्रसव के बाद का पहला खिरसा दूध बच्चों को संक्रमण से बचाता है. इस अवसर पर कोमल, पूजा, जसवीर, प्रियंका, सूरज आदि बच्चों की अतिथियों ने खीर खिला कर मुंहजुठी करायी. कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर की. टुंडी एवं तोपचांची की सेविकाओं ने स्वागत गीत ‘कैसे करूं तेरे चरण पडूं..’ माला गीत से किया. मंच का संचालन इंदु कुमारी व धन्यवाद ज्ञापन टुंडी सीडीपीओ विमला देवी ने दिया. मौके पर प्रशिक्षु आइएएस संजीव बेसरा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी आनंद, सीडीपीओ, सुपरवाइजर रत्ना मिश्र, तापसी भट्टाचार्या, सेविका, सहायिका, सहिया आदि उपस्थित थीं.