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कोल संपदा की लूट: 3,57,96,000 रुपये का नुकसान

धनबाद: कोयला बीसीसीएल और कमाई रंगदारों के सिंडिकेट की. रंगदारों के सिंडिकेट की इस कमाई को दूसरे शब्दों में शुद्ध रूप से देश की कोल संपदा की लूट कह सकते हैं. और यह लूट भी डंके की चोट पर. जी हां, बुधवार को कोल इंडिया स्तर पर हुए इ-ऑक्शन के तहत कोयला की बिडिंग के […]

धनबाद: कोयला बीसीसीएल और कमाई रंगदारों के सिंडिकेट की. रंगदारों के सिंडिकेट की इस कमाई को दूसरे शब्दों में शुद्ध रूप से देश की कोल संपदा की लूट कह सकते हैं. और यह लूट भी डंके की चोट पर. जी हां, बुधवार को कोल इंडिया स्तर पर हुए इ-ऑक्शन के तहत कोयला की बिडिंग के दौरान रंगदारों के सिंडिकेट ने बीसीसीएल के बाघमारा कोयलांचल में आनेवाली चार कोलियरियों (मुराइडीह, शताब्दी, नदखरकी, बेनीडीह) से करीब 3,57,96,000 रुपये की लूट की जमीन तैयार कर ली.

अब बस कोयला का डीओ पेपर तैयार होना, कोयला का उठना और मंडी में बिकना शेष है. यह सब होते ही रंगदारों के सिंडिकेट की जेब में होंगे 3,57,96,000 रुपये. पूरे मामले में बीसीसीएल उच्च प्रबंधन के पास मूकदर्शक बनने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा है. हां, पूरे कोयला व्यवसाय जगत में यह चर्चा जरूर है कि आखिर बीसीसीएल उच्च प्रबंधन ने रंगदारी की दृष्टि से संवेदनशील इन कोलियरियों में अचानक कोयला का ऑफर इतना कैसे बढ़ा दिया?

क्या है मामला : कोल इंडिया द्वारा रोड सेल के माध्यम से कोयला बिक्री के लिए 18 फरवरी को 98950 मीट्रिक टन कोयला की इ-आक्शन के तहत नीलामी की गयी. इ-ऑक्शन की बिडिंग में बीसीसीएल की विभिन्न कोलियरी के कोयला को लेकर लिस्टरों ने बढ़-चढ़ कर बोली लगायी. बीसीसीएल की ओर से निर्धारित प्रति टन कोयला के फ्लोर प्राइस से तीन-तीन हजार अधिक रुपयों की बोली लगायी गयी. बीसीसीएल के बरोरा एरिया वन की मुराइडीह, शताब्दी और ब्लॉक-टू एरिया की नदखरकी, बेनीडीह व जमुनिया कोलियरियों के कोयला का फ्लोर प्राइस 2535 रुपये प्रति टन था. बिडिंग में जमुनियां कोलियरी के प्रति टन कोयला की बोली 2535 रुपये के फ्लोर प्राइस से 1810 रुपये बढ़कर 4345 रुपये तक गयी. मुराइडीह कोलियरी के प्रति टन कोयला की बोली 2535 रुपये के फ्लोर प्राइस से मात्र 309 रुपये बढ़कर 2844 रुपये तक गयी. मुराइडीह में 1000 टन कोयला का ऑफर है. यदि जमुनियां कोलियरी के प्रतिटन 4345 रुपये रुपये से मुराइडीह के प्रतिटन 2844 रुपये कीमत की तुलना करते हैं, तो बीसीसीएल को 15,01,000 रुपये का नुकसान होता दिख रहा है.
हद तो शताब्दी, नदखरकी व बेनीडीह कोलियरियों में हो गयी. इन तीनों कोलियरियों के प्रति टन कोयला के 2535 रुपये के फ्लोर प्राइस में मात्र पांच से 11 रुपये की वृद्धि हुई. बीसीसीएल प्रबंधन ने इस बार शताब्दी में 5000, नदखरकी में 8000 और बेनीडीह में 6000 टन कोयला का ऑफर दिया है. तीनों कोलियरियों के 19,000 टन कोयला की कीमत की तुलना जमुनियां कोलियरी के प्रतिटन 4345 रुपये के कोयला से करने पर बीसीसीएल को करीब 3,42,95,000 रुपये का नुकसान होता दिख रहा है. इस तरह जमुनिया के मुकाबले मुराइडीह, शताब्दी, नदखरकी, बेनीडीह में बीसीसीएल को करीब 3,57,96,000 रुपये का नुकसान ङोलना पड़ा है.
रंगदारों के डर से कोयला व्यवसायी नहीं लगाते बोली
सूत्रों की माने तो मुराईडीह, शताब्दी, नदखरकी व बेनीडीह इन चारों कोलियरियों में रंगदारों का सिंडिकेट पूरी तरह हावी है. ऐसे में यहां के कोयला की बोली लगाने में कोयला व्यवसायी पीछे हटते हैं. कारण यदि इन कोलियरियों के कोयला डीओ मिल भी गया, तो रंगदारों का सिंडिकेट कोयला उठाने नहीं देगा. रंगदारों का सिंडिकेट व्यवसायियों से डीओ पेपर ले लेता है और कोयला बिक्री के बाद 50-50 का हिसाब लगाता है. सूत्रों की माने तो चारों कोलियरियों में कोई लिफ्टर (कोयला व्यवसायी) बिडिंग करता भी है, तो उसे सिंडिकेट के अनुसार काम करना पड़ता है. व्यवसायी कोयला की लिफ्टिंग भी अपने से नहीं कर सकते हैं. लिफ्टर के बदले खुद सिंडिकेट लिफ्टिंग का काम करता है. लिफ्टर को प्रति टन 500 रुपये का मुनाफा दे दिया जता है. जबकि कैपिटल का भुगतान भी सिंडिकेट अपने अनुसार करता है. रंगदारों के सिंडिकेट के उत्पात और सिंडिकेट व कोल लिफ्टरों में हुए विवाद के कारण ही पिछले साल मार्च-अप्रैल महीने में बीसीसीएल प्रबंधन इन कोलियरियों को ऑफर घटा दिया था. लेकिन अचानक ऑफर बढ़ाना समझ से परे बताया जा रहा है.
..कलुआ तो लाल हो गया
गुरुवार को बाघमारा कोयलांचल से लेकर बीसीसीएल मुख्यालय तक यही चर्चा सुनायी पड़ी कि ‘‘ऊपर वाले सरकार की कृपा से अबकी कलुआ तो लाल हो गया.’’ कोयला व्यवसायियों का कहना था कि सब कुछ जानते हुए बीसीसीएल उच्च प्रबंधन ने रंगदारों की प्रभाववाली कोलियरियों में कोयला का ऑफर बढ़ा दिया. यह खुले तौर पर कोयला की लूट है. इस लूट में बीसीसीएल उच्च प्रबंधन के एक शीर्ष अधिकारी की मिलीभगत जगजाहिर है. सूत्रों की माने तो रंगदारों के सिंडिकेट के सरदार के साथ उस उच्चधिकारी के मधुर व व्यावसायिक रिश्ते हैं. रंगदारों के सिंडिकेट के सरदार और शीर्ष अधिकारी की संयुक्त साङोदारी में पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर इलाके में मिशन हॉस्पिटल के बगल में करोड़ों रुपये का मार्केट कॉम्पलेक्स बनवाया जा रहा है.

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