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रिश्वतखोरी में रेल अभियंता को तीन साल की सजा

धनबाद: सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश द्वितीय पीके सिन्हा की अदालत ने मंगलवार को रिश्वतखोरी के एक मामले में डीआरएम ऑफिस, धनबाद के पूर्व क्षेत्रीय विद्युत अभियंता प्रवीण कुमार मिश्र को पीसी एक्ट की धारा 7 व 13(2) सहपठित 13 (1) डी में दोषी करार देते हुए तीन-तीन वर्ष की कैद व 25-25 हजार रुपये जुर्माना […]

धनबाद: सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश द्वितीय पीके सिन्हा की अदालत ने मंगलवार को रिश्वतखोरी के एक मामले में डीआरएम ऑफिस, धनबाद के पूर्व क्षेत्रीय विद्युत अभियंता प्रवीण कुमार मिश्र को पीसी एक्ट की धारा 7 व 13(2) सहपठित 13 (1) डी में दोषी करार देते हुए तीन-तीन वर्ष की कैद व 25-25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी.

जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर एक एक माह की कारावास की सजा और काटनी होगी. बाद में अदालत ने सजायाफ्ता को झारखंड उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए अंशकालिक जमानत दे दी. दोनों सजा एक साथ चलेगी. अदालत में फैसले के वक्त सीबीआइ के वरीय लोक अभियोजक कपिल मुंडा समेत एपीपी शांति भूषण, मुकेश कुमार सिन्हा व सरवत जाफरी मौजूद थे.

11 जून 2001 को बरवाडीह रिवर साइड में आरोपी अभियंता प्रवीण ने वीएस पंप मरम्मत का नया काम एवार्ड करने के एवज में ठेकेदार धनंजय कुमार सिंह से 50 हजार रुपये बतौर रिश्वत की मांग की थी. ठेकेदार ने इसकी शिकायत सीबीआइ की धनबाद शाखा से की. 12 जून 2001 को सीबीआइ ने जाल बिछाकर घूसखोर अभियंता कंो उसके घर के दरवाजे के पास रिश्वत लेते धर दबोचा. लेकिन रुपये उसके घर के दराज से मिले. अभियोजन की ओर से सीबीआइ ने आठ गवाहों का परीक्षण कराया. केस के आइओ सीबीआइ इंस्पेक्टर एके झा ने 23 जनवरी 2002 को आरोपी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया. यह मामला आरसी केस नंबर 5/01 से संबंधित है.

फर्जी बहाली में अग्रिम जमानत अर्जी : बोकारो स्टील प्लांट में फर्जी ढंग से बहाली किये जाने के मामले में आरोपी अरविंद प्रसाद ,केराज शेखरन व ओमप्रकाश गुप्ता ने मंगलवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश प्रथम विजय कुमार शर्मा की अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी दायर किया. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि मुकर्रर की है. विदित हो कि इस फर्जीवाड़ा में राज्य के पूर्व राज्यपाल सिब्ते रजी के पुत्र के अलावे कई उच्चधिकारियों के परिजन शामिल हैं.
सर्वे अफसर की जमानत पर हुई सुनवाई
बीसीसीएल के बस्ताकोला क्षेत्र के केओसीपी में कोयला की ओवर रिपोर्टिग करने के मामले में आरोपी जेल में बंद पूर्व क्षेत्रीय सर्वे अफसर सरित सुधा सरकार की ओर से दायर जमानत अर्जी पर सुनवाई मंगलवार को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश बीके शर्मा की अदालत में हुई. बचाव पक्ष से अधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने बहस की. अभियोजन की ओर से सीबीआइ की ओर से वरीय लोक अभियोजक कपिल मुंडा ने जमानत का जोरदार विरोध करते हुए अदालत को बताया कि आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी झारखंड हाई कोर्ट ने पूर्व में ही खारिज कर दी है. उभय पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रखा. सीबीआइ टीम ने केओसीपी में औचक निरीक्षण कर कोल स्टॉक की जांच की थी. जांच के क्रम में 42,46,89 मीट्रिक टन कोयला कम पाया गया. जिससे कंपनी को 46 करोड़ 39 लाख 76 हजार 997 रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ था. आरोपी ने 16 जनवरी 15 को अदालत में सरेंडर किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

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