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प्यार-मुहब्बत से ही चलती है दुनिया : मदनी

धनबाद: जमीयत उलमा- ए- हिंद कार्य समिति के वरीय सदस्य सैयद असजद मदनी ने कहा कि सामाजिक सद्भाव और धार्मिक सहिष्णुता हमेशा भारत की पहचान रही है और हम अपने देश की गंगा-जमुनी परंपराओं पर गर्व महसूस करते हैं. हम अपनी धार्मिक पहचान के साथ तभी रह सकते हैं जब तक देश में शांति और […]

धनबाद: जमीयत उलमा- ए- हिंद कार्य समिति के वरीय सदस्य सैयद असजद मदनी ने कहा कि सामाजिक सद्भाव और धार्मिक सहिष्णुता हमेशा भारत की पहचान रही है और हम अपने देश की गंगा-जमुनी परंपराओं पर गर्व महसूस करते हैं. हम अपनी धार्मिक पहचान के साथ तभी रह सकते हैं जब तक देश में शांति और प्यार स्थापित है. इसलिए हमें सांप्रदायिक ताकतों के नापाक इरादों को असफल करने के लिए सभी धार्मिक और गैर मजहबी दलों और संगठनों को साथ लेकर मुकाबला करना होगा.
मदनी सर्किट हाउस में गुरुवार को जमीयत उलमा- ए हिंद की ओर से आयोजित राष्ट्रीय एकता सम्मेलन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि प्यार और मुहब्बत से ही दुनिया चलती है. कौमें देश से बनती है , मजहब से नहीं. इसलिए आपसी प्यार, भाईचारा पर बल देना चाहिए न कि सांप्रदायिक बातों पर.

उन्होंने आये हुए सभी लोगों को सलाह दी कि देश में प्यार- मुहब्बत और शांति पैदा करने के लिए मानवता के आधार पर राष्ट्रीय एकता के कार्यक्रम को जगह-जगह आयोजित करें. इसमें सभी लोगों को भाग लेने के लिए जरूर बुलाएं और उन्हें सहानुभूति, मित्रता, प्यार और मुहब्बत और देश राष्ट्र के विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर बोलने का अवसर दें, ताकि राष्ट्रीय एकता, आपसी भाईचारा, देश की अखंडता और सुरक्षा के संदेश को बढ़ावा मिले.

उन्होंने सभी मुसलिम संस्थानों, संगठनों और नेताओं खास तौर पर जमीयत उलमा – ए- हिंद के जिम्मेदारों और कार्यकर्ताओं से अपील की कि गणतंत्र दिवस को अभिमान और गौरव से मनाएं तथा 26 जनवरी के अवसर पर जगह – जगह सभा आयोजित करें और मदरसों के जिम्मेदार अपने मदरसों में भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करें. मदनी ने संस्था के सभी अध्यक्षों एवं महा सचिवों से मार्च तक इस तरह के 250 कार्यक्रम आयोजित करने को कहा. इसके बाद रांची में राज्य स्तरीय कार्यक्रम होगा जिसमें संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी आयेंगे.
कार्यक्रम में आये सभी जिले के अध्यक्ष महासचिवों ने अपने जिले में इस तरह के कार्यक्रम गांव और शहर में करने की हामी भरी.
किन-किन लोगों की भागीदारी : मुफ्ती अब्दुल हई (धनबाद), मो अब्दुल मुरीद, मुफ्ती सिद्दीकी (जामताड़ा), मो खुर्शीद ( देवघर),मो मोइद्दीन ( पाकुड़), मो मुस्ताक ( गिरिडीह), मो शकीलु रहमान, अब्दुल जलील ( हजारीबाग), हाजी सरफुल्लाह( चक्रधरपुर), मो अफजल ( कोडरमा), अनवर हुसैन(जमशेदपुर), मो अयूर( रामगढ़), संस्था के प्रदेश प्रवक्ता सादिक अमीन सहित राज्य के 24 में 21 जिले के अध्यक्ष एवं महासचिव.
बाबूलाल भी मिलने आये : कार्यक्रम खत्म होने पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी एवं डॉ सबा अहमद भी सैयद असजद मदनी से मिलने आये.
आंदोलन का रूप दिया जायेगा : कासमी
जमीयत उलमा ( झारखंड ) के महासचिव मुफ्ती मुहम्मद शहाबुद्दीन कासमी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी के निर्देश पर राष्ट्रीय एकता कार्यक्रम को पूरे राज्य में आंदोलन के रूप में किया जायेगा. उन्होंने कहा कि इस संबंध में 300 से अधिक जमीयतों को गतिशील किया जायेगा. उन्होंने कहा कि फरवरी माह से स्थानीय जमीयतें अपने जिले के विद्वानों के सहयोग से कार्यक्रम आयोजित करेगी. मार्च में जिला जमीयतें जिला स्तर पर आम सभा करेंगी. जिसमें हजरत मौलाना सैयद असजद मदनी और जमीयत उलमा- ए- हिंद दिल्ली के विद्वान तशरीफ लायेंगे.जबकि अप्रैल में जमीयत उलमा झारखंड का राज्य स्तरीय एक भव्य राष्ट्रीय एकता सम्मेलन आयोजित करेगा. जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद अरशद मदनी भाग लेंगे. इसमें सभी धर्मों के प्रमुख नेताओं को दावत दी जायेगी.
हम कौन हैं , यह जरूर याद रखें : श्रीराम दुबे
जाने माने लेखक एवं साहित्यकार श्रीराम दुबे ने कहा कि हम कौन हैं, अपने अतीत को जरूर याद रखें. क्योंकि जो तारीख भूल जाते हैं वे सबसे बड़ी भूल करते हैं. हमेशा याद रखिए कौम-ए मुल्क वतन से बनती है, मजहब से नहीं. उन्होंने अपनी लिखी कई कविताएं भी सुनायी, जिसकी प्रशंसा हुई.

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