धनबाद. विनोद नगर स्थित दुर्गा मंदिर में दिव्य जाग्रति संस्थान, दिल्ली की ओर से आयोजित तीन दिवसीय श्री रामचरित मानस एवं गीता विवेचना के पहले दिन श्री आशुतोष जी महाराज के शिष्य स्वामी घनश्यामानन्द जी ने कहा कि आज इनसान बहुत कुछ हासिल कर चुका है, लेकिन फिर भी अशांत है. इसका कारण यह है कि मनुष्य खाने, पीने, सोने और पशुओं की तरह जीवन जीने तक ही सीमित है. इनसान अपने जीवन को न जानने के कारण हैवान बना हुआ है. आज समाज को ऐसे इनसान की जरूरत है जो समाज में अनैतिकता, अंधविश्वास, रूढ़ीवाद को खत्म करे. इनसान के अंदर जाग्रति सिर्फ लक्ष्य दिखाने वाले भाषणों से नहीं, बल्कि ब्रह्म ज्ञान से होता है. और ऐसा ज्ञान पूर्ण सद्गुरु ही दे सकते है. साध्वी अमृता भारती ने कहा कि साध्य के बिना साधनों में वास्तविक शांति का एहसास नहीं होता. इसलिए साध्वी जी ने प्रत्येक मनुष्य को अपने साध्य यानी ईश्वर की प्राप्ति करने का आ ान किया. मौके पर अमर प्रकाश सिंह, आनंद दूबे, सुजीत कुमार सिंह, गौरी शंकर, विनय, पवन, सुबोध, संजय कुमार सिंह आदि मौजूद थे. कथा संध्या शाम तीन बजे से छह बजे तक होती है.
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‘अनैतिकता, अंधविश्वास व रूढ़ीवाद को खत्म करें’
धनबाद. विनोद नगर स्थित दुर्गा मंदिर में दिव्य जाग्रति संस्थान, दिल्ली की ओर से आयोजित तीन दिवसीय श्री रामचरित मानस एवं गीता विवेचना के पहले दिन श्री आशुतोष जी महाराज के शिष्य स्वामी घनश्यामानन्द जी ने कहा कि आज इनसान बहुत कुछ हासिल कर चुका है, लेकिन फिर भी अशांत है. इसका कारण यह है […]
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