बेरमो. कोयला उद्योग में हड़ताल को लेकर मंगलवार की शाम छह से 10 बजे तक दिल्ली में कोयला मंत्रालय स्तर पर वार्ता विफल रही. वार्ता में मुख्य रूप से कोयला मंत्रालय के सचिव अनिल स्वरूप, एडिशनल सेक्रेटरी एके दुबे, संयुक्त सचिव विजय वर्मा, कोल इंडिया के चेयरमैन सुरुथि भट्टाचार्य, कार्मिक निदेशक आर मोहन दास, कोल इंडिया के जीएम पर्सनल के अलावा ट्रेड यूनियनों से इंटक के राजेंद्र सिंह, एसक्यू जमा, एटक के रमेंद्र कुमार व लखनलाल महतो, एचएमएस के नाथू लाल पांडेय, सीटू के जीवन राय व डी रामानंदन तथा बीएमएस के प्रदीप कुमार दत आदि शामिल थे. वार्ता में मजदूर संगठनों ने कमर्शियल माइनिंग पर क्लॉज हटाने की मांग की. कहा कि सरकार निजीकरण का बिल वापस लेकर यूनियनों को लिखित दे. इस पर कोयला सचिव ने कहा कि यह मेरे बस की बात नहीं है. सरकार से कोई निर्देश नहीं मिला है. इस पर यूनियन नेताओं ने कहा : तब हमलोगों आगे कोई वार्ता नहीं करेंगे. निजीकरण पर सार्थक बात नहीं हुई तो मजदूर संगठनों ने हड़ताल को जारी रखने का निर्णय लिया. मजदूरों से हड़ताल को जारी रखने की अपील की. दिल्ली से दूरभाष पर यह जानकारी देते एटक नेता लखन लाल महतो ने कहा कि जब तक सरकार निजीकरण को वापस लेगी, तब तक हड़ताल जारी रखेंगे. अन्य मुद्दों पर कोई वार्ता नहीं हुई.
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कोयला मंत्रालय स्तर पर ट्रेड यूनियनों की वार्ता विफल
बेरमो. कोयला उद्योग में हड़ताल को लेकर मंगलवार की शाम छह से 10 बजे तक दिल्ली में कोयला मंत्रालय स्तर पर वार्ता विफल रही. वार्ता में मुख्य रूप से कोयला मंत्रालय के सचिव अनिल स्वरूप, एडिशनल सेक्रेटरी एके दुबे, संयुक्त सचिव विजय वर्मा, कोल इंडिया के चेयरमैन सुरुथि भट्टाचार्य, कार्मिक निदेशक आर मोहन दास, कोल […]
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