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संसाधन की कमी नहीं, फिर भी नहीं होती सफाई

धनबाद: शहर में हर दिन लगभग 300 टन कचरा जेनेरेट होता है, और उठता है मात्र 200 टन. यानी प्रत्येक दिन 100 टन कचरा डंप हो रहा है. सप्ताह में 700 टन और माह में तीन हजार टन कचरा डंप होता है. यही हाल रहा तो धनबाद कचरों का शहर बन कर रह जायेगा. निगम […]

धनबाद: शहर में हर दिन लगभग 300 टन कचरा जेनेरेट होता है, और उठता है मात्र 200 टन. यानी प्रत्येक दिन 100 टन कचरा डंप हो रहा है. सप्ताह में 700 टन और माह में तीन हजार टन कचरा डंप होता है. यही हाल रहा तो धनबाद कचरों का शहर बन कर रह जायेगा. निगम के पास संसाधन की कमी नहीं है.

ट्रैक्टर भी है और मेन पावर भी. इसके बावजूद मुहल्ले की सफाई महीनों तक नहीं होती. जबकि मेयर-डिप्टी मेयर व आला अधिकारी के आसपास नियमित सफाई होती है. मुहल्ले में गंदगी का अंबार है. नाली का पानी सड़कों पर बह रहा है. मच्छर का प्रकोप बढ़ गया है. ना तो मुहल्ले में सफाईकर्मी नजर आते हैं और न ही मच्छर भगाने वाली गाड़ी ही पहुंचती है.

कैसे जेनेरेट होता है कचरा : निगम के मुताबिक एक व्यक्ति प्रतिदिन 250 ग्राम कचरा जेनेरेट करता है. इसमें पॉलीथिन, प्लास्टिक, रबर व खाने की सामग्री होती है. यही नहीं गाय व भैंस का गोबर भी कचरा बढ़ाने का मुख्य कारण होता है. कुछ जगहों पर तो बिल्डिंग के रॉ मेटेरियल से भी कचरा बढ़ रहा है. शहर की आबादी दिनों दिन बढ़ रही है. प्रत्येक माह सौ से डेढ़ घर बन रहे हैं. कचरा की क्वांटिटी भी दिनों दिन बढ़ रही है.

निगम के पास 72 स्थायी सफाई कर्मचारी : निगम के पास फिलवक्त 72 स्थायी सफाई कर्मी है. नगरपालिका के समय से लेबर की संख्या लगातार घट रही है, लेकिन बहाली नहीं हुई. हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था के तहत प्रत्येक ट्रेक्टर में चार-चार दैनिक मजदूरों को दिया गया है. 230 दैनिक मजदूर भी काम कर रहे हैं. लेकिन सफाई व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

24 करोड़ की लागत से बनना था प्लांट : 24 करोड़ की लागत से कचरा डिस्पोजल के लिए प्लांट बैठाने की योजना थी. बीसीसीएल को जमीन उपलब्ध कराना था. बीसीसीएल प्रबंधन ने जमीन के लिए अपनी सहमति भी दे दी है. दो माह बीत गये, लेकिन जमीन का एग्रीमेंट अब तक नहीं हुआ. बीसीसीएल प्रबंधन के उदासीन रवैये को देखते हुए नगर निगम ने जमीन खरीदने का निर्णय लिया है.

जब तक डोर टू डोर कचरा उठाने की व्यवस्था नहीं की जायेगी. कचरा का अंबार लगा रहेगा. आबादी दिनों-दिन बढ़ रही है, लेकिन व्यवस्था में कोई सुधार नहीं है.

निर्मल मुखर्जी, पार्षद

मुहल्ले में नियमित सफाई नहीं होने की शिकायत मिल रही है. सफाई निरीक्षकों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया जायेगा. इसके अलावा स्वच्छता भारत अभियान से आम जनता को जोड़ने की कवायद भी शुरू की जा रही है.

एके बंका, नगर आयुक्त

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