झरिया: झरिया के श्याम मंदिर के समीप 23 डिसमिल जमीन पर दावा ठोंकते हुए शुक्रवार को मंदिर कमेटी व जूता व्यवसायी आमने-सामने हो गये. मौके पर पहुंच डीएसपी चंदन कुमार सिन्हा, झरिया थाना इंस्पेक्टर श्रीकांत उपाध्याय ने दोनों पक्षों से जमीन का दस्तावेज मांगा.
डीएसपी ने मामले को सुलझाने के लिए एक सप्ताह का समय लिया है. कहा कि जांच में कागजात गलत पाये जाने पर उस पक्ष पर एफआइआर होगी. पुलिस ने विवादित जमीन के प्रयोग पर रोक लगा दी है.
क्या है जमीन का मामला
श्याम मंदिर कमेटी के रमेश अग्रवाल, नरेश अग्रवाल, कृष्णा अग्रवाल, प्रकाश झुनझुनवाला, जीवन पटवारी, रंजीत अग्रवाल, शिव कुमार अग्रवाल, रमेश भरतिया, पवन अग्रवाल का कहना था कि 23 डिसमिल जमीन राहत हुसैन व शेख अली वसारत हुसैन से रजिस्टर्ड डीड खरीदी थी. इसका दाखिल खारिज मुकदमा संख्या-60 (4)/2008-09 है. मालगुजारी का रसीद भी है. शुक्रवार की सुबह करीब आठ बजे नीचे कुल्ही निवासी मो. निसार अहमद का पुत्र मो. इसरार अहमद उर्फ भोलू चार पांच अपराधी किस्म के लोगों के साथ जमीन व जजर्र मकान को जाली कागजात के आधार पर कब्जा करने का प्रयास किया. विरोध करने पर तीन लाख रंगदारी की मांग की. नहीं देने पर कई व्यवसायियों को जान से मारने, गोली व बम से उड़ाने की धमकी दी.
किराया पर लिया था मकान
इसरार अहमद ने झरिया पुलिस को बताया कि यह जमीन व जजर्र मकान वर्ष 2005 में उसने मशूदा बेगम से किराया पर लिया था. 2008 तक वहां उर्दू मध्य विद्यालय चला. विद्यालय प्रबंधन मंदिर कमेटी को जमीन का किराया दे रहा रहा. मंदिर कमेटी के लोग ट्रांसफॉर्मर लगाने के लिए दीवार तोड़ रहे थे. इसका उसने विरोध किया. उर्दू मध्य विद्यालय के जलाल अंसारी व जमीन के खरीदारों के बीच धनबाद कोर्ट में टाइटल सूट-51/06 दर्ज हुआ था. कोर्ट के आदेश पर जमीन की जांच हुई थी. बाद में कोर्ट के आदेश पर विद्यालय के पदाधिकारियों ने 28 सितंबर 08 को जमीन व मकान खाली कर खरीदारों को सुपुर्द कर दिया था.