धनबाद: सहकारी गृह निर्माण समिति के नाम पर जमीन की खरीद-बिक्री का का मामला सामने आया है. ऐसे 18 सहकारी गृह निर्माण समितियों के काम-काज की जांच का आदेश दिया गया है.
सहकारिता पदाधिकारियों को 15 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट देने को कहा गया है. वैसी समितियां, जिसने सहकारिता नियमों को ताख पर रख कर प्लॉट की बिक्री ही है, के प्लॉट का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा और संबंधित समिति के अध्यक्ष व सचिव पर कानूनी कार्रवाई होगी. बताते चलें कि जिले की गृह निर्माण समितियों का वर्षो से ऑडिट व चुनाव नहीं हुआ है.
क्या है मामला: 80-90 के दशक में कुछ सहकारी गृह निर्माण समितियां ने सहकारिता विभाग से रजिस्ट्रेशन कराया. समिति के नाम से प्लॉट खरीदा. समिति के सदस्यों को न देकर बिल्डर को प्लॉट बेच दिया गया. इसमें करोड़ों की कमाई हुई. यही नहीं दर्जनों गृह निर्माण समितियां वर्षो से अवक्रमित हैं. समिति के सदस्यों की शिकायत पर विभाग द्वारा नीलांचल व कुसुम विहार कॉलोनी में स्पॉट जांच करायी गयी. यहां कई बिल्डरों के प्रोजेक्ट निर्माणाधीन पाये गये.