धनबाद: क्लर्क का जाली हस्ताक्षर करना एक छात्र को इतना महंगा पड़ा कि अब उसके भविष्य पर बन आयी है. कॉलेज प्रबंधन ने छात्र का एडमिशन नहीं लेने का फैसला किया है. साथ अभिभावक को भी सूचना देने की चेतावनी दी है.
क्या है माजरा : स्नातक कला (प्रतिष्ठा) में नामांकन के लिए प्राप्तांक 50 प्रतिशत कटऑफ है, जबकि उक्त छात्र को 45 प्रतिशत ही अंक थे. उसके पास विशेष परिस्थित
या पैरवी भी नहीं थी कि वह 45 प्रतिशत पर नामांकन करा ले. ऐसे में छात्र नामांकन फॉर्म पर डिलिंग क्लर्क का हस्ताक्षर अपने हाथों से कर काउंटर पर नामांकन लेने पहुंच गयी. शक होने पर काउंटर कर्मी ने वह फॉर्म प्राचार्य के पास पहुंचा दिया. प्राचार्य ने उक्त छात्र की जम कर खिंचाई की तो उक्त छात्र ने बताया कि कि जाली हस्ताक्षर उसने नहीं, उसकी एक सहेली ने की है. सहेली को भी बुलवायातो उसने स्वीकार किया कि उक्त छात्र के कहने पर ही उसने हस्ताक्षर की है.