धनबाद: झारखंड व बिहार में शिक्षा का अधिकार (आरटीइ) व सूचना का अधिकार (आरटीआइ) की सबसे खराब स्थिति है. दोनों राज्यों की सरकारें फेल हैं. धनबाद में उपायुक्त ने आठ फरवरी को आरटीइ पर कुछ निर्देश दिये थे, जिसका अनुपालन नहीं हुआ. इसे देखते हुए सिविल बनाया गया है, ताकि प्रावधानों का अनुपालन हो.
यह बातें आर्का ट्रस्ट के चेयरमैन मिहिर दिवाकर ने सोमवार को धैया स्थिति एक निजी रेस्तरां में प्रेस वार्ता में कहीं. उन्होंने आम लोगों से भी इसमें जुड़ने की अपील की. बताया कि बीपीएल कोटे में शिक्षा के एवज में निजी स्कूलों को कितनी राशि मिलनी है, यह अबतक तय नहीं है. जिले में 50-60 निजी स्कूल हैं, जहां दो से ढाई हजार बीपीएल बच्चों का नामांकन हो सकता है. इसी का प्रयास किया जा रहा है. वैसे आरटीइ एक्ट के प्रावधानों का अनुपालन निजी स्कूलों में नहीं हो रहा है. सरकारी स्कूलों की ओर बुरी स्थिति है. प्रेस वार्ता को कुबेर सिंह, रवि आनंद, वैभव सिन्हा, नितिन प्रधान, फैयाज अहमद आदि ने भी संबोधित किया.
सोसाइटी से करें संपर्क : श्री सिंह ने बताया कि बीपीएल कोटे में नामांकन के लिए संबंधित नियम व कानून की जानकारी ऐसे परिवारों को नहीं रहती है और बच्चे का नामांकन नहीं हो पाता. ऐसे परिवारों को हम नामांकन में मदद करेंगे. उन्हें नियमों की जानकारी देंगे. उम्मीद है कि जिला प्रशासन भी इसमें हमारा सहयोग करेगा. उनसे जल्द ही हमारा एक प्रतिनिधिमंडल मिलेगा.
बच्चों के साथ हो न्याय : निजी स्कूल में नामांकन के बाद बच्च खुद को अन्य बच्चों के साथ असहज महसूस नहीं करे, इसके लिए भी सोसाइटी प्रयास करेगी. बच्चे के साथ स्कूल में किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए. सोसाइटी में मुख्य रूप से सात लोग हैं एवं अन्य कई सदस्य भी हैं.