धनबाद: राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा प्रतिबंधित पॉलीथिन बेचने, खरीदने व उपयोग करने को कानूनन जुर्म करार देने के बावजूद इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से जारी रहा. फरमान के मुताबिक सोमवार को इसकी मियाद पूरी हो गई. 15 मई 2013 को इस संबंध में जारी अधिसूचना के बाद दो माह का समय दिया गया था.
क्यों दिया गया समय : 50 माइक्रोन से कम की प्रतिबंधित पॉलीथिन को नुकसानदेह समझते हुए उसका उपयोग प्रतिबंधित करने की हिदायत दी गई थी. बिक्रेताओं से इस अवधि में उक्त पॉलीथिन को हटा देने या जला देने को कहा गया था.
क्या होगा अब आगे : राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद इनवायर्मेट प्रोटेक्शन एक्ट के तहत इस पर कानून बनाने के लिए प्रस्ताव कैबनेट में ले जायेगा. वहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे कार्यरूप देने के लिए बनेगी रणनीति. उपयोग में आने लायक पॉलीथिन की दर भी तय होगी.
क्या पड़ा है फर्क : पर्षद व पर्यावरण विभाग के माध्यम से पर्चा, नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जन जागरण अभियान, रैली आदि बेअसर रहे. धनबाद शहर सहित जिले के तमाम इलाके में निर्बाध गति से जारी है प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग.
– जनहित को प्रभावित करने वाले प्रतिबंधित पॉलीथिन के लिए कानून बनाने की प्रक्रिया 16 जुलाई से चालू हो रही है.
– मणिशंकर , चेयरमैन ,राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद , रांची